alpha lipoic acid uses hindi
All About Alpha-Lipoic Acid (ALA) Benefits
अल्फा लिपॉइक एसिड Alpha-Lipoic Acid (ALA) एक विटामिन जैसा सल्फर युक्त कैमिकल है जो मानव शरीर में प्राकृतिक रूप से बनता है। इसको एक बेहद ही शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट (antioxidant) माना जाता है। जहाँ ज्यादातर एंटीऑक्सिडेंट या तो पानी में या वसा में घुलनशील होते हैं वहीं अल्फा-लिपोइक एसिड पानी और वसा दोनों में घुलनशील है जिसके काऱण यह शरीर की हर कोशिका पर काम करता है। एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट (antioxidant) होने की वजह से ये हमारे शरीर में बनने वाले फ्री रेडिकल्स से हमारे शरीर के डीएनए और कोशिका झिल्ली (Cell Membrane) को नुक्सान पहुंचाने से बचाता है।
अल्फा लिपॉइक एसिड Alpha-Lipoic Acid (ALA) का मुख्य भूमिका ऑक्सीजन का उपयोग करके रक्त शर्करा (ग्लूकोज) को ऊर्जा में परिवर्तित करना है। अब अगर आपको इंसुलिन रेजिस्टेंस की समस्या है या आपको डायबिटीज है तो ये आपके लिए बहुत मददगार हो सकता है।
हमारा शरीर पुरे जीवन इसका निर्माण करता रहता है क्योकि अगर हमें स्वस्थ रहना है तो हमारे शरीर में अल्फा लिपॉइक एसिड Alpha-Lipoic Acid (ALA) की पर्याप्त मात्रा रहनी चाहिए। परन्तु विडंबना यह है कि जैसे-जैसे हमारी उम्र बढ़ती है, शरीर में इसका उत्पादन कम होने लगता है। खाने के बात करें तो मांसाहार में रेड मीट में अल्फा-लिपोइक एसिड अच्छी मात्रा में पाया जाता हैं, लेकिन शाकाहारी भी दूध या दूध से बनी चीजे, ब्रोकली, टमाटर, पालक और आलू से कुछ मात्रा में अल्फा लिपॉइक एसिड लें सकते है। परन्तु अगर आपके शरीर में अल्फा लिपॉइक एसिड Alpha-Lipoic Acid (ALA) की कमी हो जाती है तो इसको खाने के जरिये पूरा करना थोड़ा मुश्किल हो जाता है इसलिए इसको सप्लीमेंट के रूप में लेना बताया जाता है।
यह लीवर को डिटॉक्सीफाई (detoxify) करने में मदद करता है, डिटॉक्सिफिकेशन के दौरान अन्य एंटीऑक्सिडेंट की सहायता करता है और उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा करता है।
इस पोस्ट में, मैं आपको अल्फा लिपॉइक एसिड Alpha-Lipoic Acid (ALA) के छह फायदों के बारे में बताऊंगा जिनकी बारें में आपको जरूर पता होना चाहिए। मेरे बताये गए सभी लाभों को वैज्ञानिक रूप से प्रमाणित किया जा चूका है।
1. यहाँ आपकी बढ़ती उम्र के असर को धीमा करता है।
जैसे-जैसे हमारी उम्र बढ़ती है हमारे शरीर में फ्री रेडिक्सल्स (Free Radicals) बनते है जिनकी बहुत बड़ी वजह हमारे शहर के धुएं, रोज़मर्रा के काम में आने वाले प्रोडक्ट्स में प्रयोग होने वाले रसायन, दवाइयाँ, प्रतिदिन का तनाव (Stress), सिगरेट के धुएं, कीटनाशक से भरे खाद्य पदार्थ, एंटीबायोटिक्स लगे हुए मासाहारी खाने इत्यादि से बढ़ने वाली विषाक्तता (toxicity) है, जो हमारी शारीरिक कोशिकाओं को नुकसान पहुंचते है जिस से हमारे शरीर में बुढ़ापे के लक्षण दिखाई देते है। एक अच्छा एंटीऑक्सिडेंट सप्लीमेंट हमारे शरीर को इन फ्री रेडिक्सल्स (Free Radicals) से होने वाले नुकसान से बचा सकता है। हमारे शरीर की कोशिकाएं स्वाभाविक रूप से कुछ शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट उत्पन्न करती हैं, जैसे अल्फा लिपोइक एसिड और ग्लूटाथियोन। परन्तु जैसे-जैसे हमारी उम्र बढ़ती है इनका बनाना बहुत कम हो जाता है तो ये जरुरी हो जाता है कि हम इन्हें बहार से लें। कई वैज्ञानिक अल्फा लिपोइक एसिड को “आदर्श एंटीऑक्सिडेंट” मानते हैं, क्योंकि अन्य बातों के अलावा, यह पाचन तंत्र में आसानी से और तेजी से अवशोषित हो जाता है और इसलिए ये फ्री रेडिक्सल्स (Free Radicals) जल्दी से बेअसर कर देता है। अल्फा लिपॉइक एसिड Alpha-Lipoic Acid (ALA) की एक और बहुत महत्वपूर्ण गुण है कि ये विटामिन सी, विटामिन ई, और ग्लूटाथियोन जैसे अन्य एंटीऑक्सीडेंट को बचाने और पुनरावृत्ति (recycle) करने की क्षमता है।
2. ग्लूटाथियोन को बढ़ाने में मदद करना।
यह एक आवश्यक इंट्रासेल्युलर एंटीऑक्सीडेंट है ये भी हमारे शरीर की कोशिकाएं स्वाभाविक रूप से बनता है। ग्लूटाथियोन हमारे शरीर को फ्री रेडिक्सल्स (Free Radicals) से होने वाले नुकसान से बचाता है और एक बहुत शक्तिशाली एंटीऑक्सिडेंट है जो फ्री रेडिक्सल्स (Free Radicals) के गठन को रोकता है। साथ ही यह कुछ एंजाइम का एक घटक है जो हमें बीमारी से भी बचाता है। रिसर्च में देखा गया है कि अगर हम ग्लूटाथियोन (Glutathione) को बहार से मतलब खाने के जरिये लेते है तो इसका हमे कुछ ख़ास फायदा नहीं मिलता है तो इसके लिए अच्छा यही होगा कि हमारा शरीर ही इसको ज्यादा से ज्यादा बनाए। वैज्ञानिको ने ये पाया कि अल्फा लिपॉइक एसिड Alpha-Lipoic Acid (ALA) शरीर की कोशिकाओ को ज्यादा ग्लूटाथियोन (Glutathione) बनाने में बहुत मदद करता है।
3. मधुमेह रोगियों के लिए रक्त शर्करा (Blood Sugar) को कम करना।
जब किसी इंसान के खून में शर्करा (Blood Sugar) की मात्रा बहुत ज्यादा हो जाती है तो उसको मधुमेह (Diabetes) रोग कहा जाता है। खून में शर्करा (Blood Sugar) की मात्रा को बढ़ने से रोकने के लिए हमारा शरीर इंसुलिन का उत्पादन करता है। इसकी वजह से हमारे खून में शर्करा की मात्रा सही रहती है परन्तु जब हमारे शरीर को इंसुलिन के बहुत अधिक और बहुत बार-बार रिलीज करनी पड़ती है तो इंसुलिन प्रतिरोध (insulin resistance) नामक एक स्थिति पैदा होती है। जिससे मोटापा, टाइप 2 मधुमेह, हृदय संबंधी समस्याएं और कुछ कैंसर जैसे रोग होते हैं। उच्च कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड का स्तर खून में बढ़ जाना भी इसका संकेत है। ये हमारे लिवर पर भी बहुत बुरा प्रभाव डालती है।
मधुमेह रोगियों के रक्त और कोशिकाओं में फ्री रेडिक्सल्स (Free Radicals) बहुत अधिक मात्रा में पाए जाते है साथ ही उनके खून में ग्लूटाथियोन की मात्रा में काफी कमी पायी जाती है। जैसे कि मैंने आपको पहले बताया इन दोनों परेशानियों से निकलने में अल्फा लिपॉइक एसिड Alpha-Lipoic Acid (ALA) बहुत मददगार होता है। इस तरह ये मधुमेह रोगियों के लिए रक्त शर्करा (Blood Sugar) को कम करने में बहुत प्रभावशाली होता है।
4. हृदय संबंधी रोगों से बचाव करना।
हमारे शरीर में हृदय संबंधी रोगों को बढ़ने के वजहों में फ्री रेडिक्सल्स (Free Radicals) की अधिक मात्रा और फ्री रेडिक्सल्स (Free Radicals) और उसकी वजह से ऑक्सीडेटिव तनाव का बढ़ना बहुत बड़े कारण है। रिसर्च से पता चला है कि लंबे समय तक ऑक्सीडेटिव तनाव की स्थिति में हृदय रोग, मधुमेह और कैंसर जैसी घातक बीमारियाँ होने का खतरा बहुत ज्यादा बढ़ जाता है। इसके अलावा कॉलेस्ट्रॉल का बढ़ना भी हृदय रोगों को बढ़ाता है। जिन लोगो को अल्फा लिपॉइक एसिड Alpha-Lipoic Acid (ALA) सप्लीमेंट के रूप मैं दिया जाता है उनके शरीर में इसको लेने के बाद खराब कोलेस्ट्रॉल (LDL) और ट्राइग्लिसराइड के स्तर में पहले के मुकाबले काफी कमी पायी गयी साथ ही उनके अच्छा कोलेस्ट्रॉल (HDL) में बढ़त पायी गयी। अल्फा लिपॉइक एसिड Alpha-Lipoic Acid (ALA) लेने वालो के उच्च रक्तचाप में भी कमी पायी जाती है जिस से उनका रक्तचाप सही लेवल पर आ जाते है।
5. वजन कम करने में फायदेमंद।
अल्फा लिपॉइक एसिड Alpha-Lipoic Acid (ALA) का सीधे तौर पर वजन कम करने से कोई संबंध नहीं है मतलब ऐसा नहीं है कि ये कोई वजन कम करने की दवाई है। दुनिया में बहुत से लोगो में बहुत ज्यादा खाना वजन को बढ़ाने के एक मुख्य कारण माना जाता है वे चाह कर भी अपने खाने की आदत पर कण्ट्रोल नहीं कर पाते है जिस से उनको मोटापे की बीमारी लग जाती है। बाद में यही मोटापा मधुमेह का कारण बनता है। रिसर्च में पाया गया है कि जो एंजाइम (AMPK) आपके भूख को बढ़ाता है, अल्फा लिपॉइक एसिड Alpha-Lipoic Acid (ALA) इस एंजाइम की गतिविधि को कम कर सकता है। जिस से आपको ज्यादा खाने का मन नहीं होगा और आपका वजन धीरे-धीरे कम होने लगेगा। किन्तु ये उसी स्थिति में आपके वजन को कम करने में आपकी मदद करेगा जब आपके वजन को बढ़ने की वजह आपका ज्यादा खाना हो अगर आपका वजन किसी और कारणों से बढ़ा हुआ है तो ये कोई मदद नहीं करेगा। ये कोई वजन कम करने की दवाई नहीं है।
6. नसों में दर्द को कम करने में मदद करना।
शरीर की नसों की बात करें तो अल्फा लिपॉइक एसिड Alpha-Lipoic Acid (ALA) के बहुत फायदे है। जैसे ये आपकी तंत्रिका की मरम्मत करने में सहायता करता है और तंत्रिका कोशिकाओं को नुकसान से भी बचाता है साथ ही साथ आपकी कोशिकाओं को बी विटामिन को अवशोषित करने में मदद करता है। कुछ पुरानी बीमारियाँ जैसे मधुमेह, लाइम रोग, दाद, थायरॉयड रोग, गुर्दे की विफलता और एचआईवी इत्यादि के वजह से नसों में बहुत ज्यादा ऑक्सीडेटिव तनाव हो जाता है जिसके कारण नसों में दर्द रहना, सुन्नपन की शिकायत रहना इत्यादि परेशानिया हो जाती है। बहुत डॉक्टर ने अपनी प्रैक्टिस में देखा है कि न्यूरोपैथी चिकित्सा के अंदर जब वे इस तरह के परेशानियों वाले रोगियों को अल्फा लिपॉइक एसिड Alpha-Lipoic Acid (ALA) देते है तो उनकी हालत में काफी सुधार देखा गया है। ये कोई दर्द खत्म करने की दवाई नहीं है। अगर आपको नसों में दर्द और सुन्नपन की परेशानियाँ है तो आप आपने डॉक्टर से अल्फा लिपॉइक एसिड Alpha-Lipoic Acid (ALA) लेने के बारे में सलाह कर सकते है।
कौन सा अल्फा लिपॉइक एसिड Alpha-Lipoic Acid (ALA) लेना सही है
इस पर आपको विशेष ध्यान देने की जरुरत है क्योंकि मार्किट में बहुत तरह के अल्फा लिपॉइक एसिड के सप्लीमेंट आते है परन्तु उनमें से कौन सा आपके लिए सबसे सही रहेगा ये कैसे पता कर सकते है। अल्फा लिपॉइक एसिड 3 तरह के होते है।
3 Form of Alpha Lipoic Acid
- R-Alpha-Lipoic Acid (ALA)
- S-Alpha-Lipoic Acid (ALA)
- RS-Alpha-Lipoic Acid (ALA)
इनमें से केवल एक ही तरह का अल्फा लिपॉइक एसिड Alpha-Lipoic Acid (ALA) आपके शरीर में फायदा दें सकता है और वो है R-Alpha-Lipoic Acid (ALA).
ये अल्फा लिपॉइक एसिड का वही रूप है जो हमारे शरीर में पाया जाता है यह बाकी के दोनों अल्फा लिपॉइक एसिड (S-ALA and RS-ALA) से 10 से 12 गुणा ज्यादा शक्तिशाली होता है। बाजार में मिलने वाले बहुत से सप्लीमेंट्स में इन दो तरह के अल्फा लिपॉइक एसिड (S-ALA and RS-ALA) को डाला जाता है जिसकी वजह से ये काफी सस्ते हो जाते है।
S-Alpha-Lipoic Acid को केमिकल्स की मदद से बनाया जाता है जिस के कारण शरीर को इसको पचाने में बहुत ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है साथ ही साथ इसका कुछ ख़ास फायदा भी नहीं होता है जबकि R-Alpha-Lipoic Acid प्राकृतिक रूप होता है जो खाने में पाया जाता है। जैसे की नाम से पता चल रहा है कि RS-Alpha-Lipoic Acid में दोनों प्राकृतिक और केमिकल से बने अल्फा लिपॉइक एसिड को मिला दिया जाता है तो ये भी आपके लिए पैसो की बर्बादी है।
हमेशा अल्फा लिपॉइक एसिड के सप्लीमेंट को लेते समय जांच लें कि उसमें कौन सा अल्फा लिपॉइक एसिड डाला गया है अगर नाम में ये नहीं लिखा कि कौन सा डाला है सिर्फ अल्फा लिपॉइक एसिड लिखा है तो वो सप्लीमेंट संदेहपूर्ण है उसको ना लें।
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विटामिन बी 12 की कमी आपके शरीर की थकान और कमजोरी का कारण हो सकती है (Vitamin B12 deficiency can be the reason of your body fatigue and weakness)
ध्यान दें:– आपसे अनुरोध है कि अगर आप अल्फा लिपॉइक एसिड सप्लीमेंट प्रयोग करने से पहले अपने डॉक्टर / वैद्यराज की सलाह जरूर ले। उपरोक्त वर्णित सभी जानकारी अनुभव एवं अनुसंधान के आधार पर लिखी गई हैं, जानकारी के अनुसार किये जाने वाले प्रयोग या उपायों कि प्रामाणिकता एवं लाभ-हानि की जिम्मेदारी संपादक की नहीं हैं।