जड़ी बूटी जो आपको कैंसर और सूजन से बचाता है।(Herb that protects you from cancer and inflammation.)

All About Turmeric

Knowledge about herb – Turmeric (root), curcuma, Yellow Root or Haldi

All About Turmeric(haldi) in hindi

जड़ी बूटी के बारे में ज्ञान की शृंखला में आज हम आपको हल्दी (Turmeric) के बारे में बताएँगे। ये एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट जड़ी बूटी है जो भारत में हर घर की रसोई में मसाले के रूप में मिल जाती है। हिन्दुस्तान के हर घर की रसोई में बहुत सी औषधि पायी जाती है जो जाने-अनजाने में खाने में प्रयोग होती है और सभी को स्वस्थ रखती है। इन सबके बारे में हम आपको अपने आने वाले लेखों में बताएँगे।

हल्दी Zingiberaceae फैमिली से है अदरक भी इसी फैमिली है। ये एशियाई देशों में हजारों सालो से प्रयोग की जा रही है। हल्दी का पौधा भारत का मूल निवासी है और इस पौधे की कंद रुपी जड़ों को ही ताजा या सुखा के पाउडर के रूप इस्तेमाल होता है। पहले इसका प्रयोग रंगों की तरह किया जाता था फिर इसका प्रयोग औषधीय एवं मसालो के रूप में भी किया जाने लगा। इसे इंग्लिश में Turmeric के नाम से जाना जाता है ग्रंथों में इसे हल्दी के अतिरिक्त हरिद्रा, कुरकुमा लौंगा, वरवर्णिनी, गौरी, क्रिमिघ्ना योशितप्रीया, हट्टविलासनी, हरदल, कुमकुम नाम दिए गए हैं।

हल्दी का उपयोग, गुण एवम फायदे
ये गुणों से भरी औषधि है इसको मसालो की रानी भी कहा जाता है। इसके उपयोग, गुणों एवम फायदों का वर्णन ऋग्वेद, यजुर्वेद, तथा चरक संहिता में भी मिलता है। हल्दी में एक प्रकार का सुगन्धित तेल ४-६ प्रतिशत, गोंद होता है। इसमें पीतरंजक पदार्थ, करक्यूमिन C21H20O4 पाया जाता है। आधुनिक विज्ञान भी इसे न सिर्फ स्वीकार कर रहा है बल्कि प्रमाणित भी कर रहा है। यह प्रतिजैविक(antibiotic), सूजन को कम करने वाली (antiinflammatory), कफ निकालने वाली(Expectorant), रोगाणु रोधक (antiseptic), ऑक्सीकरण रोधी(antioxidant), कैंसर रोधी (anticancer), घाव भरने का गुण (wound healing) जैसे गुणों से भरी पड़ी है।

  1. कैंसर(Cancer)की रोकथाम में उपयोगी– कीमो-रक्षात्मक गुण (Chemoprotective properties) होने के कारण हल्दी पेट के कैंसर, प्रोस्टेट कैंसर, टी-सेल ल्यूकेमिया और स्तन कैंसर के इलाज में कारगर है। खाली पेट हल्दी(Turmeric) का सेवन, शरीर की सफाई के लिए बहुत प्रभावशाली है और समय-समय पर शरीर की सफाई करने से, कैंसर से बचा जा सकता है।
  2. खांसी और सर्दी (Cough and Cold) में कारगर– जैसे हमने पहले बताया हल्दी में करक्यूमिन (curcumin) और वाष्पशील तेल की मौजूदगी होती है जिसके कारण हल्दी(Turmeric) खांसी और सर्दी से लड़ने में सहायक है। रात को सोने से पहले गरम दूध में एक चम्मच हल्दी मिलाकर पीने से गले में खराश या खांसी में बहुत फायदा होता है।
  3. दिल की रक्षा और हृदय स्वास्थ्य समर्थन- हल्दी में करक्यूमिन होने से एक और फायदा है ये खून की धमनियों में जमाव को हटाता है जिससे हमारे ह्रदय की सुरक्षा होती है। इसे दूध में मिलाकर पीने से हमारा दिल दुरुस्त होता है।
  4. सूजन को कम करना- करक्यूमिन का सबसे शक्तिशाली पहलू है सूजन को नियंत्रित करने की क्षमता जो हल्दी में खूब पाया जाता है। एक अध्ययन के अनुसार aspirin और ibuprofen जिनको सूजन कम करने के लिए प्रयोग किया जाता है वो भी करक्यूमिन के मुकाबले कम कारगर पाए गए है। इसलिए हल्दी के सूजन को कम करने में बहुत प्रभावपूर्ण परिणाम है।
  5. मधुमेह में प्रभावशाली- खून में शर्करा मात्रा (Blood Glucose level) को कम करने के लिए और Insulin की कार्यक्षमता कम (Insulin Resistance) करने वाली प्रक्रिया को रोकने के लिए अपने भोजन में हल्दी का प्रयोग शुरू करें। मधुमेह रोगियों के लिए ये एक बेहतर प्राकृतिक उपचार हैं।
  6. गठिया(Arthritis) में लाभदायक- हमारे जोड़ो में कुछ कोशिकाये होती है जिन्हें fibroblast कहते है। ये हमारे जोड़ो लचीलापन बनाये रखने और आसानी से चलने में हमारी मदद करती है। गठिया(Arthritis) होने पर जोड़ो में सूजन आ जाती है जिससे चलने फिरने में दिक्कत होती है और जोड़ो का दर्द होता है। हल्दी(Turmeric) के सेवन से इस सूजन को कम किया जा सकता है जिससे ये गठिया(Arthritis) में बहुत लाभकारी सिद्ध होती है।
  7. अवसाद (डिप्रेशन-depression)के रोगियों के लिए- हल्दी अपने आप में एक बेहतर anti-depression जड़ी बूटी है। इसमें पाए जाने वाला तत्व करक्यूमिन का ये एक और गुण है कि ये डिप्रेशन को बढ़ाने वाले हार्मोन्स को बढ़ने से रोकता है। डिप्रेशन से दिमाक में रासायनिक हलचल जिसे neurotransmitters का स्तर बढ़ता है उसको रोकने में हल्दी बहुत प्रभावशाली है।

भारत में प्रतिदिन प्रयोग में लायी जाने वाली ये जड़ी बूटी हल्दी अनगिनत गुणों से भरपुर है। अगर आप अभी इसका प्रयोग नहीं करते है तो बिना सौचे इसका प्रयोग करना शुरू करें और अपने शरीर को रोगों से लड़ने योग्य बनाये।

ध्यान दें:– आपसे अनुरोध है कि यहाँ बताये गए तरीको का प्रयोग करने से पहले अपने डॉक्टर / वैद्यराज की सलाह जरूर ले। उपरोक्त वर्णित सभी जानकारी अनुभव एवं अनुशंधान के आधार पर लिखी गई हैं, जानकारी के अनुसार किये जाने वाले प्रयोग या उपायों कि प्रामाणिकता एवं लाभ-हानि की जिन्मेदारी संपादक की नहीं हैं।

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