एक हमारा समय था जब हम पढ़ते तो हमारा फोकस एक अच्छी नौकरी पाने का था। अगर कोई व्यावसायिक पृष्ठभूमि मतलब जिसका परिवार ही बिज़नस करता हो अगर उसको छोड़ दिया जाए तो बहुत कम बच्चे होते थे जो अपना व्यवसाय(Startup) करने की सोचते थे । एक आज का समय है पढ़ाई पूरी करते ही या पूरी ना भी करे आज के युवा नौकरी में कम अपने काम यानि अपना व्यवसाय करने की सोचते है। आज का युवा बिज़नेस के लिए काफी ऊर्जावान और उत्तेजित हैं और हो भी क्यों ना आज भारत में नई पीढ़ी के व्यापारी के लिए बहुत संभावनाएं है।
इसके बावजुद भी नयी स्टार्टअप्स(Startup) का सफल होने का अनुपात ये है कि 10% स्टार्टअप्स ही सफल हो पाते है 90% स्टार्टअप्स कुछ ही महीनो या साल में असफल हो जाते है और बिज़नस छोड़ देते है। इसके पीछे बहुत से कारण हो सकते है आपके बिज़नस को असफल होने का कारण जरुरी नहीं के ये हो कि आप अपना प्रोडक्ट या सर्विसेज बेच न पाए बल्कि इसके अलावा भी बहुत से कारण है जिन पर आप बिज़नेस शुरू करने से पहले विचार नहीं करते है या ये कहे कि उनके लिए तैयार ही नहीं होते है और जब ये सब समस्या आती है तो पहले से इनके बारे में तैयार ना होने के कारण आपका काम आपका व्यापार बिगड़ जाता है और और आपका स्टार्टअप(Startup) ब्रेक हो जाता है।
मैं भी आज एक छोटी सी आईटी कम्पनी चलाता हूँ। मैंने पहले 11 साल जॉब की और उसके बाद यह कंपनी शुरू की और इस स्टार्टअप को चलते हुए मैंने कुछ सबक सीखें जो आज में आपसे शेयर करना चाहूंगा।
- पैसों का सही इंतजाम- किसी भी स्टार्टअप(Startup) का फेल होने का सबसे बड़ा और मेरे अनुसार सबसे पहला कारण होता है पैसा। जब भी आप बिज़नस में आते है तो आप एक बजट अपने दिमाग में रख कर शुरू करते’है कि आपको इतने महीनों के लिए पैसे का बैकअप चाहिए और असलियत में ये बजट उससे कही ऊपर चला जाता है। तो सबसे पहले ये समझ ले कि अगर आपके प्लान के अनुसार आप 6 महीनो में अपना प्रोडक्ट बना कर बेचना शुरू कर देंगे या 6 महीनों में अपनी सर्विसेज देने के लिए आपको क्लाइंट्स यानि ग्राहक मिल जाएंगे तो आपके पास और अलगे एक साल तक अपना बिज़नेस चलाने के लिए पैसे होने चाहिए अब चाहे वो आपकी सेविंग्स (बचत) हो या कही से आपको मिलने वाले हो। कहने का मतलब है कि आपके अपने प्लान किये गए समय से एक साल आगे तक का पैसे का बैकअप आपके पास होना बहुत ज़रूरी है।
- अपने उद्योग क्षेत्र के बारे में पूरी जानकारी होना- स्टार्टअप शुरू करना एक जुआ खेलने के जैसा है जहाँ आप अपना कैरियर, अपना पैसा, अपना भविष्य, अपना समय सब दाव पर लगाते है। और जुआ में हमेशा जीतने के अवसर उसको ही ज्यादा मिलते है जो पुराना खिलाडी मतलब अनुभवी खिलाडी होता है और जिसको इस खेल के बारे में सब पता होता है। तो अगर आप अपना स्टार्टअप शुरू करना चाहते है तो पहले कुछ साल अपने आपको उस उद्योग क्षेत्र के बारे शिक्षित करें, उसमें काम करके, उसके बारे में सब सीखें और जब आपको पूरा आत्मविश्वास हो जब आपको समझ आ जाए कि आपने इस उद्योग क्षेत्र के बारे में सब सीख और समझ लिया है तो इसके बिज़नेस में आए।
- अपने आपको काम से अलग करें- यह बेहद अहम बिंदु है जब आप अपना दिल दिमाग सब अपने काम में लगा देते है तो आखिर में होता ये है कि आप काम करते ही रह जाते है। कहने का मतलब ये है कि अगर आपने कोई काम या बिज़नस या अपना स्टार्टअप शुरू किया है तो आपका काम स्वयं ही सब काम करने या सब काम में अपनी भागीदारी करना नहीं है अगर आप खुद ही ये सब में लगे रहोगे तो आप अपने स्टार्टअप या बिज़नेस को आगे कब बढ़ाओगे उसका विकास कैसे करोगे। मैंने बहुत से स्टार्टअप्स में देखा है एक आईटी कम्पनी का उदाहरण ले लेते है अगर वो कम्पनी किसी सॉफ्टवेयर इंजीनियर से शुरू कि है तो वो खुद ही डेवलपमेंट कर रहा होगा वो खुद ही अपने कस्टमर (clients) को मैनेज करता है, खुद ही कंपनी के एकाउंट्स देखता है और आगे बिज़नेस लाने पर भी ध्यान लगाना है और इन सब में होता ये है कि वो किसी भी काम में अपना पूरा फोकस नहीं दे पाता है जबकि स्टार्टअप शुरू करने वाले का पूरा फोकस अपने बिज़नस का विकास करने में होना चाहिए। अगर आपको अपना बिज़नस आगे बढ़ाना है तो एक बात समझ ले कि बिज़नेस में काम करने से अच्छा है बिज़नेस पर काम करना। अगर आपको अपना बिज़नस बढ़ाना है तो अपने से ज्यादा स्मार्ट और अधिक सक्षम लोगो को अपनी कंपनी में रखना होगा और काम उन पर छोड़ कर आपका अपना फोकस अपने बिज़नेस को बढ़ाने में लगाना होगा।
- सही लोगो के साथ मेलजोल- अगर आप किसी बिज़नेस में सफल होना चाहते है तो आपको उन लोगो के साथ मेलजोल रखना होगा जो वो बिज़नेस करते है या कर चुके है। उन को उस काम का वास्तविक अनुभव है और वो आपको सबसे सही सलाह दे सकते है। साथ ही अगर आप ने स्टार्टअप शुरू कि है तो आपका सही लोगो के साथ मेलजोल आपको आपके बिज़नेस के लिए सही कस्टमर (clients) दिलाने में भी बहुत मदद करता है क्योंकि कोई भी बड़ी कम्पनी किसी स्टार्टअप से जल्दी से डील नहीं करती मतलब काम नहीं देती है वही अगर आपके पास किसी सही व्यक्ति का रेफरेंस हो जिसको वो कंपनी जानती हो तो आपको आराम से काम मिल जाता है।
- अपना पार्टनर(Co-founder) ध्यान से चुने- कुछ दोस्तों को कोई आईडिया आया और स्टार्टअप शुरू की, या जॉब से परेशान होकर कुछ दोस्तों ने मिलकर अपना काम शुरू कर दिया। आप पुराने दोस्त है या जॉब में आप साथ है और आपकी अच्छी दोस्ती है तो इसका मतलब ये नहीं बिज़नेस में भी आप साथ में सही से काम कर पायेंगे। बिज़नेस में बहुत सी बातें है जहाँ पर आपकी सोच आपस में मेल खानी चाहिए अब चाहे वो काम करने से है चाहे वो कम्पनी में पैसे लगाने या खर्च करने से है या और भी बहुत कुछ। आपको अपना बिज़नेस पार्टनर उसी इंसान को चुनना चाहिए जिसका लक्ष्य और समर्पण आपके साथ मेल खाता हो। इस बात को हमेशा दिमाग में रखे कि अगर आप साथ में काम न कर पाए तो क्या आप अपने पार्टनर(Co-founder) को अपनी कंपनी से निकाल सकेंगे। मैंने बहुत सी स्टार्टअप्स देखी हैं जहाँ पर थोड़े समय में ही पार्टनर्स में अनबन होने लगती है उसकी वजह यही होती है कि उन्होंने शुरुवात में सभी बातों पर विचार नहीं किया होता है।
- निवेशक चुनने में जल्दबाजी न करे- ज्यादातर स्टार्टअप अपने फंड्स यानि पैसो से शुरू की जाती है पर उसको और ज्यादा आगे बढ़ाने के लिए ज्यादा पैसो की जरुरत पड़ती हैं। और उनके लिए सभी निवेशकों के पास सभी जाते है। अब यहाँ पर एक विचार करने वाली बात है कि जब भी आप किसी निवेशक से समझौता करते है तो होने वाले कॉन्ट्रैक्ट को ध्यान से समझ ले और अगर आप नहीं समझ पाते तो उससे सम्बंधित किसी विशेषज्ञ की राय जरूर ले लें। एक गलत समझौता आपको आपकी कंपनी से निकलवा सकता है एप्पल के स्टीव जॉब इसका सबसे सही उदहारण है। उनके निवेशकों ने उनको उनकी ही कम्पनी से निकल दिया था। तो जब आप दूसरे का पैसा अपनी कम्पनी में लगवाते है तो उसमें आपका अपनी कंपनी पर नियंत्रण कम हो जाता है। इसलिए सोच-समझ कर कॉन्ट्रैक्ट को सही से पड़कर समझौता करें।
- स्टार्टअप के सफल होने का कोई फार्मूला नहीं है- कोई भी स्टार्टअप कैसे सफल हो सकती है इसका कोई निश्चित फार्मूला नहीं है ना ही कोई आपको बता सकता है और अगर कोई बोलता है की उसके पास है तो वो गलत बोल रहा है। हर किसी स्टार्टअप में आंतरिक रूप से बहुत से अच्छे और बुरे मामले, परिस्थिति होती है जिनसे उनका सफल होना या फ़ेल होना निर्भर करता है और ये सबके अलग अलग होते है। आप सफल हुए लोगो से उनके अनुभव से सिख सकते है और फेल हुए स्टार्टअप की गलतियों पर विचार कर खुद उन गलतियों से बच सकते है। इसके अलावा कोई फार्मूला इसके लिए काम नहीं करता है। आपको कठोर परिश्रम करते जाना है अपने काम पर फोकस रखना है और दुसरो से सीख कर आगे बढ़ना है।
- कभी हार मत मानो- अगर आप स्टार्टअप शुरू करने वाले है तो समझ ले असफलता अब आपकी जिन्दगी का हिस्सा है अगर आपको असफलता सहन नहीं होती तो आप बिज़नेस में न ही आये तो अच्छा है। सफलता एक रात में नहीं मिलती है आपके रोज के छोटे छोटे कदम छोटी छोटी उपलब्धियां आपको सफलता की ओर ले जाता है। आपको करना ये है हार नहीं माननी है काम करते रहना है। मैं बहुत से स्टार्टअप्स के फाउंडर्स से मिला हूँ बहुत के बारे में मैंने पढ़ा है लगभग सभी ने असफलता को देखा है वो अपनी नाकामयाबी से लड़े है उन्होंने उनसे सीखा और आगे बढ़ते रहें बस यही उनके सफल होने की सीढ़ी बने।
आशा करता हूँ मैंने जो सीखा और आपके साथ शेयर किया इससे आपको भी कुछ सीखने को मिलेगा और अगर आप अपनी स्टार्टअप के लिए प्लान कर रहे है या अभी स्टार्टअप चला रहें है तो इन बातो पर विचार करके आपको भी कुछ न कुछ फायदा होगा।
अगर आपको हमारा ये लेख – “8 सबक जो मैंने अपनी पहली स्टार्टअप से सीखें – 8 Lessons I Learn from My First Startup” पसंद आया हो तो अपनी प्रतिक्रिया(comments) जरूर लिखें।
6 thoughts on “8 सबक जो मैंने अपनी पहली स्टार्टअप से सीखें – 8 Lessons I Learn from My First Startup”
बहुत ही उत्तम जानकारी !!
शुभकामनाऐ जोगिंद्र जी !
सतेंद्र नागर
धन्यवाद सतेंद्र नागर जी।
THANKS for sharing this precious information about startups….#joginder sir
I want to start a cloth shop how much money ican invest in can i tak loan from bank if any experince require tell me
its depends how big your city is. i mean there is no fix budget for this business. you can start it with around 2-3 lac of investment. and about loan there are many scenarios for loans for this you can ask to any bank.