आयुर्वेद के अनुसार अधिकतर रोगो की उत्पत्ति हमारे पेट की खराबी से होती हैं। यदि पेट सही रहे तो कोई रोग शरीर में उत्पन्न ही न हो। पेट की खराबी का सबसे भयंकर रोग है कब्ज (Digestion problem) । यदि यह भी कह दिया जाय कि कब्ज(constipation) ही सब रोग की जननी(mother of all diseases) है तो ये अनुचित नहीं होगा ।
कब्ज क्या होता है ?
यह हमारे पाचन क्रिया से जुड़ा आम रोग है जो किसी भी उम्र के इंसान को हो सकता है। जब किसी व्यक्ति (या जानवर) का मल बहुत कड़ा हो जाता है तथा मलत्याग में कठिनाई होती है तो उस स्थिति को कब्ज कहते हैं। ऐसी स्थिति में मल निष्कासन के समय अत्यधिक बल का प्रयोग करना पड़ता है। पेट में शुष्क मल का जमा होना ही कब्ज है। यदि कब्ज का शीघ्र ही उपचार नहीं किया जाये तो शरीर में अनेक विकार उत्पन्न हो जाते हैं। कब्जियत का मतलब ही प्रतिदिन पेट साफ न होने से है। एक स्वस्थ व्यक्ति को दिन में दो बार यानी सुबह और शाम को तो मल त्याग के लिये जाना ही चाहिये। दो बार नहीं तो कम से कम एक बार तो जाना आवश्यक है। नित्य कम से कम सुबह मल त्याग न कर पाना अस्वस्थता की निशानी है। कब्ज का मूल कारण शरीर मे तरल की कमी होना है। तरल पदार्थों की कमी से मल आंतों में सूख जाता है और मल निष्कासन में जोर लगाना पडता है। कब्ज होने के साधारण लक्षण हैं पेट फूलना, एसिडिटी, भूक न लगना, साँसों में बदबू, सरदर्द, मुंहासे और मुह के छाले होना है।
कब्ज के मुख़्य कारण:
इसके होने का कोई एक कारण नही हैं । कई कारणो से कब्ज होता है यदि उन्हें दूर कर दिया जाय तो कब्ज भी अवश्य दूर हो जायेगा।
प्रमुख कारण:
- भोजन ठीक से ना होना । जैसे कम रेशायुक्त भोजन का सेवन करना, भोजन में फायबर (Fibers) का अभाव ।
- शरीर में पानी का कम होना
- बदहजमी और मंदाग्नि (पाचक अग्नि का धीमा पड़ना)।
- किसी तरह की शारीरिक मेहनत न करना, शारीरिक काम के बजाय दिमागी काम ज्यादा करना।
- कुछ दवा का अधिक उपयोग करने पर कब्ज हो सकता हैं।
- ठंडी चीजे जैसे- आइसक्रीम, पेस्ट्री, चाकलेट तथा ठंडे पेय पदार्थ खाने से कब्ज रोग हो सकता है।
- अधिक धूम्रपान तथा नशीली दवाइयों का प्रयोग करने के कारण भी कब्ज रोग हो सकता है।
- दु:ख, चिन्ता, डर आदि का होना।
- भोजन खूब चबा-चबाकर न करना
- बगैर भूख के भोजन करना।
- खाने के तुरंत बाद अधिक पानी पीना। इससे पाचन कमजोर हो जाता हैं।
- मल त्याग करने का वेग आने पर अगर आप उसे टालते रहना
- गरिष्ठ पदार्थों का अर्थात् देर से पचने वाले खाद्य पदार्थों का सेवन ज्यादा करना।
- सही समय पर भोजन न करना।
- शरीर में खून की कमी तथा अधिक सोने के कारण भी कब्ज रोग हो जाता है।
कब्ज से बचने के उपाय:
- रेशायुक्त (फायबर – Fibers ) भोजन का अत्यधित सेवन करना, जैसे साबूत अनाज
- वसा (fat) युक्त भोजन का सेवन कम करे
- पर्याप्त मात्रा में पानी पीना, सुबह उठने के बाद गुनगुने पानी पिने से पेट साफ़ होने में मदद मिलती हैं। गुनगुने पानी से आंतो को काम करने में आसानी होती हैं।
- ताजा फल और सब्जियों का अत्यधिक सेवन करना
- पपीता या पत्तागोभी की सब्जी का प्रयोग खूब करे।
- भोजन करते समय एक घूँट से अधिक पानी कदापि ना पियें, भोजन समाप्त होने के डेढ़ घण्टे बाद पानी अवश्य पियें ।
- सूर्योदय के दो घंटे के अंदर सुबह का भोजन और सूर्यास्त के एक घंटे पहले का भोजन अवश्य कर लें ।
- मैदे का प्रयोग शरीर के लिये हानिकारक है यह भी कब्ज बनाता है इसलिए इसका प्रयोग ना के बराबर करें ।
कब्ज होने पर उपचार:
- कब्ज से निपटने में अपने डॉक्टर की सलाह ले और उनके निर्देशनुसार दवा लेना चाहिए।
- कब्ज रोग का उपचार करने के लिए कभी भी दस्त लाने वाली औषधि का सेवन नहीं करना चाहिए बल्कि कब्ज रोग होने के कारणों को दूर करना चाहिए और फिर प्राकृतिक चिकित्सा से इसका उपचार कराना चाहिए।
- अगर ज़्यादा क़ब्ज़ है तो आप अभयारिष्ट (Abhayarishta) और कुमार्यावास(Kumaryasava) को समान मात्रा में पानी में मिलाकर खाने के बाद ले सकते है।
- 20 ग्राम त्रिफला रात को एक लिटर पानी में भिगोकर रख दीजिए। सुबह उठने के बाद त्रिफला को छानकर उस पानी को पी लीजिए। इससे कुछ ही दिनों में कब्ज की शिकायत दूर हो जाएगी।
- त्रिफला(tripahala) औषधि से कब्ज की समस्या को दूर करने के लिए नियमित रूप से रात को सोने के पूर्व त्रिफला चूर्ण पानी के साथ लेने से भी कब्ज दूर होकर पेट साफ हो जाता है।
- पर्याप्त मात्रा में पानी पीना, सुबह उठने के बाद गुनगुने पानी पिने से पेट साफ़ होने में मदद मिलती हैं। गुनगुने पानी से आंतो को काम करने में आसानी होती हैं।
- नींबू कब्ज में गुण्कारी है। मामुली गरम जल में एक नींबू निचोडकर दिन में २-३बार पियें। जरूर लाभ होगा।
- पालक कब्ज के लिए उपयुक्त सब्जी है| पालक में कई घटक हैं जो पाचन संस्था सुधार देते हैं|
- अलसी के बीज का मिक्सर में पावडर बनालें। एक गिलास पानी मे २० ग्राम के करीब यह पावडर डालें और ३-४ घन्टे तक गलने के बाद छानकर यह पानी पी जाएं। बेहद उपकारी ईलाज है।
- गरम दूध में १ चम्मच घी मिलाकर रात में सोने से पहले पिने से कब्ज से आसानी से राहत मिलती है|
- इसबगोल की भूसी कब्ज के लिए रामबाण दवा है। दूध या पानी के साथ रात में सोते वक्त इसबगोल की भूसी लेने से कब्ज समाप्त होता है।
- कब्ज रोग से पीड़ित रोगी को भोजन करने के बाद लगभग 5 मिनट तक वज्रासन करना चाहिए। यदि सुबह के समय में उठते ही वज्रासन करे तो शौच जल्दी आ जाती है।
- दो संतरों का रस खाली पेट प्रातः आठ दस दिन पीने से पुराना से पुराना अथवा बिगड़ा हुआ कैसा भी कब्ज हो, ठीक हो जाता है।
- गेहूँ के पौधों (गेहूँ के जवारे)(wheat grass) का रस लेने से कब्ज नहीं रहती है।
- कब्ज वालों के लिए चना उपकारी है। इसे भिगो कर खाना श्रेष्ठ है। यदि भीगा हुआ चना न पचे तो चने उबालकर नमक अदरक मिलाकर खाना चाहिए। चेने के आटे की रोटी खाने से कब्ज दूर होती है। यह पौष्िटक भी है। केवल चने के आटे की रोटी अच्छी नहीं लगे तो गेहूं और चने मिलाकर रोटी बनाकर खाना भी लाभदायक हैं। एक या दो मुटठी चने रात को भिगो दें। प्रात: जीरा और सौंठ पीसकर चनों पर डालकर खायें। घण्टे भर बाद चने भिगोये गये पानी को भी पी लें। इससे कब्ज दूर होगी।
- टमाटर कब्जी दूर करने के लिए अचूक दवा का काम करता है। अमाश्य आँतों में जमा मल पदार्थ निकालने में और अंगों को चेतनता प्रदान करने में बडी मदद करता है। शरीर के अन्दरूनी अवयवों को स्फूर्ति देता है।
- कब्ज रोग से पीड़ित रोगी को 1 चम्मच आंवले की चटनी गुनगुने दूध में मिलाकर लेने तथा रात को सोते समय एक गिलास गुनगुना पानी पीने से बहुत अधिक लाभ मिलता है।
- कब्ज के लिए शहद (honey) बहुत फायदेमंद है। रात को सोने से पहले एक चम्मच शहद को एक गिलास पानी के साथ मिलाकर नियमित रूप से पीने से कब्ज दूर हो जाता है।
- बेल का जूस कब्ज में बहुत फ़ायदेमंद है।
- कब्ज रोग से पीड़ित रोगी को रात के समय में तांबे के बर्तन में पानी को रखकर सुबह के समय में पीने से शौच खुलकर आती है और कब्ज नहीं बनती है।
ध्यान दें:– आपसे अनुरोध है कि यहाँ बताये गए तरीको का प्रयोग करने से पहले अपने डॉक्टर / वैद्यराज की सलाह जरूर ले। उपरोक्त वर्णित सभी जानकारी अनुभव एवं अनुशंधान के आधार पर लिखी गई हैं, जानकारी के अनुसार किये जाने वाले प्रयोग या उपायों कि प्रामाणिकता एवं लाभ-हानि की जिन्मेदारी संपादक की नहीं हैं।
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