Tusli

Knowledge about herb – Tulsi

All About Tulsi in hindi

आज से हम एक नयी शृंखला शुरू कर रहे है जिसका नाम है जड़ी बूटी के बारे में ज्ञान! इसमें हम आपको हर तरह की जड़ी बूटी के औषधीय गुणों के बारे में विस्तार से बतायंगे। हमारे देश में बहुत सी जड़ी बूटी पैदा होती है जो एक से बढ़कर एक गुणों से भरी हुई है किंतु इनके बारे में सही जानकारी ना होने के कारण हम इनसे किसी तरह का भी फायदा नहीं ले पाते है। ज्ञानलोक में हमारी ये कोशिश रहेगी कि आपको सरल भाषा में इनकी जानकरी दे पाए जिनसे आप इनका प्रयोग करके अपने स्वस्थ्य को सही कर सकें।

इस शृंखला की शुरूवात हम एक ऐसी जड़ी बूटी से करेंगे उसका नाम है तुलसी (basil leaves) इसको सबसे पवित्र और सबसे गुणकारी माना जाता है। हिन्दू धर्म में तो इसका विशेष महत्व है। इसके बिना कोई भी धर्म, पूजा पाठ का कार्य पूर्ण नहीं होता। हिन्दू धर्म में तो ये माना जाता है कि जिस घर में तुलसी लगाई जाती है उस घर में भगवान वास करते हैं। इसके गुणों के कारण इसे पूजनीय मानकर देवी का दर्जा दिया जाता है। ऐसा माना जाता है कि जिस घर में तुलसी का पौधा होता है उस घर में किसी भी तरह नकारात्मक प्रभाव नहीं होते है।

तुलसी चटपटी, कड़वी अग्निदीपक, हृदय को हितकारी गरम, दाह, पित्त, वृद्धिकर, मूत्रकृच्छ, कोढ़, रक्तविकार, पसली-पीड़ा तथा कफ वातनाशक है। पाश्चात्य मतानुसार श्वेत तुलसी उष्ण, पाचक एवं बालकों के प्रतिश्याय व कफ रोग में कार्यान्वित होता है। काली तुलसी शीत, स्निग्ध, कफ एवं ज्वरनाशक है। तुलसी मुख्यतः दो प्रकार की होती है। श्वेत तुलसी, कृष्ण तुलसी। इन्हे राम तुलसी और श्याम तुलसी भी कहते हैं। इसमें कीटाणु नष्ट करने का एक विशेष गुण है। इसलिये मन्दिरों में चरणोदक जल में तुलसी की पत्तियां तोड़कर डाली जाती है जिससे जल के सारे कीटाणु नष्ट हो जाये और जल शुद्ध हो जाये।

सिर्फ आस्था से ही नहीं तुसली में पाए जाने वाले औषधीय गुणों के कारण भी आयुर्वेद में भी तुलसी को महत्वपूर्ण माना गया है। इसका साइंटिफिक नाम है Ocimum tenuiflorum.

तुलसी के औषधीय गुण
भारत में सदियों से तुलसी(tulsi) का इस्तेमाल होता चला आ रहा है। ये एक ऐसा पौधा है जिसमें औषधीय गुणों की भरमार है कोई भी ऐसी बीमारी नहीं जिसमें ये आपको कुछ न कुछ फायदा न दें। किसी भी उम्र का इंसान, बच्‍चे, बूढे, औरते और आदमी सभी तुलसी के सेवन से लाभ उठा सकते हैं।
जो लोग रोज तुलसी के पत्ते खाते है उनकी सेहत अच्छी होता है. तुलसी में बीमारियों से लड़ने के गुण हैं. यह शरीर में बीमारियों से लड़ने की क्षमता बढ़ाती है। तुलसी जुकाम, खांसी, बुखार, सूखा रोग, पसलियों का चलना, निमोनिया, कब्‍ज और अतिसार सभी रोगों में चमत्‍कारी रूप से अपना असर दिखाती है। तुलसी को ‘जीवन का अमृत’ भी कहा जाता है क्योंकि यह आपको रोग मुक्त करके आपको दीर्घायु देती है। आयुर्वेद के मतानुसार, यदि कार्तिक मास में प्रातःकाल निराहार तुलसी के कुछ पत्तों का सेवन किया जाए तो मनुष्य वर्ष भर रोगों से सुरक्षित रहता है।

  1. मधुमेह के लिए
    तुलसी के सेवन से रक्त में शर्करा (blood glucose) के स्तर को कम कर देता है। इसलिए यह मधुमेह रोगियों के लिए बहुत उपयोगी है। तुलसी में विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट है जिनसे हमारे दिल की रक्षा होती है। सुबह खाली पेट 3-4 तुलसी की पतियां खाने से आपका मधुमेह नियंत्रण हो सकता है।
  2. दिल के लिए
    तुलसी में एक बहुत ही शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट होता है जिसे Eugenol बोलते है इसका काम खून में कोलेस्ट्राल के स्तर को कम करना और रक्तचाप को नियंत्रण में रखना होता है। अतः ये हृदय रोगियों के लिए यह खासी कारगर साबित होती है। रक्तचाप को नियंत्रण करने के लिए भी आप इसकी सुबह खाली पेट 3-4 पत्तिया खा सकते है।
  3. खांसी-जुकाम और सर्दी के लिए
    ठंड के मौसम में सर्दी लगना या कभी भी खांसी या जुकाम होने पर तुलसी का प्रयोग करने से विशेष रूप से फायदा होता है। इन बीमारियों के लिए जितने भी सीरप या गोलियां बनाई जाती है सब में तुलसी की प्रयोग किया जाता है। तुलसी की पत्तियो से रस निकाल कर अदरक के रस के साथ शहद में मिलाकर चाटने से पुरानी से पुरानी खाँसी में आराम मिलता है। सर्दी की हालत में इसकी 7-8 पत्तियो को दूध अच्छे से उबाल कर पीने से राहत मिलती हैं।
  4. दिमागी तनाव में लाभकारी
    आज हर ‘इंसान एक रोग से सबसे ज्यादा पीड़ित है वो है तनाव। एक इस रोग के चलते ना जाने कितने ही रोग हमारे शरीर में पैदा हो जाते है। तनाव को कम करने में तुसली का खास महत्व है। तुसली प्राकर्तिक रूप से तनाव को खत्म करती है व उससे होने वाले नुकसान से हमारे शरीर की रक्षा करती है। तनाव को खुद से दूर रखने के लिए तुलसी के 10-12 पत्तों का दिन में दो बार सेवन करना चाहिए।
  5. बुखार में फायदेमंद
    तुलसी में बहुत शक्तिशाली कीटाणुनाशक, बैक्टीरियल विरोधी और एंटी- बायोटिक गुण है। जिससे इसका किसी भी तरह के बुखार प्रयोग करने से ये बहुत ही आराम पहुँचती है। अब वो बुखार चाहे मलेरिया का हो,या सामान्य बुखार हो , पसलियों में दर्द के साथ हो,या इन्फ्लूएंजा के कारण हो या ठंड से बुखार हो सब तरह के बुखार में तुलसी शरीर में हुए संक्रमण से लड़कर उससे खत्म कर देती हैं। बुखार होने पर तुलसी के पत्तों और इलायची के साथ 2 कप पानी में अच्छे से उबाल कर काढा बना कर पीना चाहिए। आप तुलसी के 10 -12 पत्तो का रस निकाल कर शहद के साथ मिलकर भी ले सकते है उससे भी आपको बुखार से राहत मिलेगी। मलेरिया और टाइफाइड में तुलसी की 12 पत्तियों को 4-5 काली मिर्च के साथ सेवन करने से बहुत जल्दी राहत मिलती है।
  6. मासिक चक्र की अनियमितता
    महिलाओं में आजकल अनियमितता मासिक चक्र की समस्या बहुत बढ़ रही है जिसके चलते उन्हें काफी परेशानी होती है। ऐसे में तुलसी के बीज का इस्तेमाल करना फायदेमंद होता है। जिस दिन मासिक चक्र शुरू हो उस दिन से जब तक मासिक चक्र रहें उस दिन तक तुलसी के बीज 5-5 ग्राम सुबह और शाम पानी के साथ लेने से पिरीयड्स की समस्या ठीक होती है।
  7. शीघ्र पतन एवं वीर्य की कमी जैसे यौन रोगों के इलाज में
    आजकल के खान-पान और तनाव से भरी जिंदगी से पुरुषों को शारीरिक कमजोरी, शीघ्र पतन एवं वीर्य की कमी, यौन-दुर्बलता और नपुंसकता जैसी बीमारियां लग रही है। तुलसी से बीज इसमें बहुत फायदेमंद होते है। तुलसी के बीज 5 ग्राम रोजाना रात को गर्म दूध के साथ लेने से नपुंसकता दूर होती है शीघ्र पतन एवं वीर्य की कमी ठीक होती है और यौन-शक्ति में बढ़ोत्तरी होती है। इसे नियमीत लेने से पुरूषों की सारी समस्याओं का समाधान हो जाता है।
  8. कैंसर के इलाज में लाभकारी
    तुलसी कैंसर पर कीमोथैरेपी एजेंट के समानान्तर काम करती है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट प्रॉपर्टीज होने के कारण ये ब्रैस्ट कैंसर व तम्बाकू से होने वाले मुंह के कैंसर में आराम देता है|ये न सिर्फ कैंसर को सही करता है बल्कि उसको होने से भी रोकता है। जो लोग प्रतिदिन तुलसी का प्रयोग करते है उनमें कैंसर होने की संभावना ना के बराबर होती है। तुलसी पर कैंसर को लेकर बहुत अनुसंधान चल रहे है।
  9. चेहरे के कील मुहांसों दाग धब्बे के लिए
    त्वचा संबंधी रोगों में तुलसी बहुत फायदेमंद है। इसके सेवन से रक्त शुद्ध होता है ये रक्त में से विषाक्त(toxins) पदार्थों को बाहर निकलती है जिससे त्वचा संबंधी रोग जैसे दाद, खुजली कील-मुहांसे, दाग धब्बे खत्म हो जाते हैं और चेहरा साफ होता है। इसके पत्तियो को पीस कर उसका पेस्ट बना कर चेहरे पर लगाने से चेहरे में चमक आती है जिससे आप युवा और तरोताज़ा दिखते है। इसके अलावा तुलसी बालों के लिए भी अच्छी होती है, इससे आपकी जड़ो में खुजली नहीं होती और बाल झड़ने की भी समस्या हल होती है।
  10. किडनी के रोगों में
    तुलसी के प्रयोग से किडनी यानि गुर्दे को मज़बूत मिलती है। किडनी में मुख्य रूप से पथरी की समस्या हो जाती है ये पथरी खून में यूरिक एसिड बढ़ने से बनती है। तुलसी इस यूरिक एसिड को कम करने में सक्षम है तुलसी में मौजूद तेल इस पथरी को नष्ट करता है व तुलसी दर्द निवारक भी है इसलिए यह गुर्दे की पथरी से होने वाले दर्द से भी आराम देता है। गुर्दे की पथरी में तुलसी की पत्तियों को उबालकर बनाया गया अर्क शहद के साथ 6 माह सेवन करने से पथरी मूत्र मार्ग से बाहर निकल जाती है।
  11. पेट की समस्या के लिए
    तुलसी पेट से सम्बंधित समस्याओ में बहुत की कारागार साबित होती है। जैसे अम्लता(acidity) का होना, कब्ज और पेट फूलना, दस्त होना, उल्टी होना, भूख की कमी जैसे कई पेट की समस्याओं को भी तुलसी के पत्तों के साथ ठीक किया जा सकता है। तुलसी हमारे पाचन तंत्र को मजबूत बनाती है।

इस प्रकार तुलसी हमारी बहुत से रोगों से बचने और उनको सही करने में मदद करती है। सभी को अपने घर में तुलसी का पौधा लगाना चाहिए।

ध्यान दें:– आपसे अनुरोध है कि यहाँ बताये गए तरीको का प्रयोग करने से पहले अपने डॉक्टर / वैद्यराज की सलाह जरूर ले। उपरोक्त वर्णित सभी जानकारी अनुभव एवं अनुशंधान के आधार पर लिखी गई हैं, जानकारी के अनुसार किये जाने वाले प्रयोग या उपायों कि प्रामाणिकता एवं लाभ-हानि की जिन्मेदारी संपादक की नहीं हैं।


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3 Comments

  1. Corona ka chalte tulsi drops ka paryog sabhi karne lage hai. Humare ayurveda aur humari herbs sabse achi hai.
    Bahut acha article hai aap ka.

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