Stress

इस ब्लॉग पर मेरी कोशिश होती है कि मैं आप से वहीं शेयर करुँ जो मेरा अनुभव है या मेरे साथ हुआ है या मैंने सीखा है और पढ़ा है। इसलिए आज आप को जिस विषय के बारे में बताने वाला हूँ ये मेरे साथ हुआ है और मैं अभी भी उससे रिकवर कर रहा हूँ। मैं बात कर रहा हूँ मानसिक तनाव यानि stress की।

दो साल पहले मैंने पार्टनरशिप में एक बिज़नेस शुरू किया और जिसमें मेरी और मेरे पार्टनर की अपनी अपनी जिम्मेवारियां थी। बिज़नेस बहुत तेजी से बढ़ा परन्तु एक साल बाद ही मेरे पार्टनर ने अपनी जिम्मेवारियों से पीछे हटना शुरू कर दिया। उसके चलते काम का और आर्थिक लेन देन का सारा दवाव मेरे पर आ गया और सेल्स भी कम होने लगी थी। पार्टनर का साथ नहीं देना और अपनी जिम्मेवारियों से पीछे हटने और बिज़नेस की सेल कम होने से मुझे थोड़ा मानसिक तनाव (stress) रहने लगा। इसके अलावा मेरे और भी बिज़नेस है वँहा से भी कुछ-कुछ टेंशन चलती रहती थी।

पहले मुझे तनाव (stress) के बारे में कुछ पता नहीं था मुझे लगता था टेंशन होना ही तनाव (stress) होता है किंतु ऐसा नहीं है। और ये तनाव (stress) कब आपको भावनात्मक और शारीरिक रूप से ख़राब कर देगा आपको पता भी नहीं चलेगा। तनाव (stress) के चलते मेरा स्वास्थ्य गड़बड़ होने लगा। रात को नींद सही से नहीं आती थीं. उसी दौरान मुझे Bell’s Palsy हुआ जिसको चेहरे का पक्षाघात यानि चेहरे का लकवा बोलते है। तीन महीने लगे इसको सही होने में। मुझे लगा ईश्वर का संकेत है कि इससे पहले बहुत देर हो जाए आप संभल जाओ। आखिरकार मैंने वो बिज़नेस छोड़ने का फैसला कर लिया और अभी मैं उन सब से रिकवर हो रहा हूँ।

वैसे मेडिकल की भाषा में मानसिक तनाव की कोई परिभाषा नहीं है। मानसिक तनाव (stress) समस्याओं का कारण है या उनका परिणाम है इस पर भी मेडिकल साइंस में कोई सहमति नहीं है। अगर इसको आसान भाषा में समझें तो तनाव एक सामान्य प्रतिक्रिया है जो भावनात्मक या शारीरिक परिस्थिति के बीच असंतुलन एवं असामंजस्य के कारण उत्पन्न होता है।

आज की जीवन शैली में तनाव (stress) होना आम बात है परन्तु जब ये काफी समय तक चलता रहें तो इसके चलते बहुत बड़ी प्रॉब्लम हो सकती है। यह मन एवं भावनाओं में गहरी दरार पैदा करता है। इसके चलते मन अशान्त, भावना अस्थिर एवं शरीर अस्वस्थता का अनुभव करता हैं। तनाव अन्य अनेक मनोविकारों और बीमारियों का प्रवेश द्वार है। और अगर आपको कोई बीमारी है तो उसके बुरे प्रभावो को ये कई गुणा बढ़ा देता है और उससे रिकवर करने की स्पीड को बहुत कम कर देता है।

तनाव (stress) के चलते आपको क्या-क्या बीमारिया लग सकती है ये ये आप सोच भी नहीं सकते। मैं तो जल्दी संभल गया और इन बीमारियों से बच गया। आप भी अगर किसी वजह से मानसिक तनाव (stress) में है तो पहले उस वजह को खत्म करें चाहें उसकी वजह से आपको आर्थिक नुकसान ही क्यों ना उठाना पड़े। आप सही रहेंगे आपका शरीर सही रहेगा तो पैसे कमाना, करियर बनाना, बिज़नेस सेट करना इत्यादि तो आप कर ही लेंगे। कहा भी गया है पहला सुख निरोगी काया।

तनाव (stress) के चलते आपको क्या-क्या बीमारिया लग सकती है इसके बारे में जानने के लिए मेरा अगला लेख़ तनाव (stress) से होने वाली बीमारियां और उनसे बचने के उपाय जरूर पढ़े।

5 Comments

  1. mere ek dost ne mujhe ye post share ki. main kuch time se kafi tension main chal raha tha. aap ka experience padha tu samjh aaya ki agar maine abhi dhyaan nahi diya to kya kuch ho sakta hai ….. thanks for sharing your story with us….

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