जल ही जीवन है- जल के बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती है पर आज इसमें एक नयी थ्योरी जुड़ गयी है कि पीने वाला पानी पीने लायक है भी या नहीं। औद्योगिक क्रांति से हमने बहुत तरक्की की है लेकिन इसके चलते हमने बहुत कुछ ऐसा बनाया है जिसने हमारे भूजल को दुषित कर दिया है। पहले भारत में लोग नदियों का पानी इस्तेमाल में लेते थे और आज भूजल को भी प्रयोग में लेने से डरते है। जाने कैसे-कैसे रसायन, दुषित पदार्थ पानी में मिल गए है कि उस पानी को पीने से रोग लग रहे है।
World Bank के अनुसार भारत में होने वाली 80% बीमारियों की वजह पीने का पानी है। उनके सर्वे के अनुसार सिर्फ 15%-20% लोगो को ही सही पीने का पानी (Purified Water) मिल पा रहा है। भारत के लिए एक कहावत मशहूर है – कोस-कोस पर बदले पानी, चार कोस पर वाणी। मतलब हर कोस पर आपको अलग पानी मिलेगा और अब ये पानी इतना दुषित हो रहा है कहीं का पानी पीने लायक है, कहीं के पानी से बीमारिया हो सकती है और कहीं का पानी इतना दुषित है कि कुछ सालो में उससे आपको कैंसर जैसी बीमारी हो सकती है।
जैसे-जैसे डॉक्टर्स की नजर में ये बीमारियां आने लगी तो उन्होंने सभी को वॉटर प्यूरिफायर्स (water Purifier – RO) लगवाने की सलाह देनी शुरू कर दी और वॉटर प्यूरिफायर्स की डिमांड बढ़ने लगी। वॉटर फिल्टर्स की मार्केट दिन-रात बढ़ रही है। एक अनुमान के अनुसार 2019 तक भारत में वॉटर प्यूरिफायर्स के बाजार का आकार 9,000 करोड़ का हो जाएगा।
अपनी सेहत को सही रखने के लिए सभी ने वॉटर प्यूरिफायर्स (water Purifier – RO) लगवा लिए। जो नहीं लगवा पाए उन्होंने बोतल का पानी (bottled Water) लेना शुरू कर दिया। ज्यादातर शहरो और ग्रामीण क्षत्रो में वॉटर प्यूरिफायर्स के प्लांट लग गए और ये सस्ती दरों पर फ़िल्टर पानी बोतल में सप्लाई करते है। अब पानी के दुषित होने से जो बीमारियां होती है उनमें कमी हुई किंतु उसका एक दूसरा पहलु भी है।
पानी को वॉटर प्यूरिफायर्स यानि RO सिस्टम से साफ़ किया जाता है और आरओ एक ऐसी वॉटर प्योरिफिकेशन टेक्नीक है जिसमें प्रेशर डाल कर पानी को साफ किया जाता है। इससे उसमें घुली अशुद्धियां, पार्टिकिल्स और मेटल खत्म हो जाते हैं। परन्तु इस प्रक्रिया में पानी से खनिज पदार्थ भी निकल जाते है विशेष रूप से कैल्शियम और मैग्नीशियम (calcium and magnesium). जिनकी पूर्ति आप अपने रोज के खाने से नहीं कर सकते है। और ज्यादा समय तक इनकी कमी चलती रहे तो हृदय विकार, थकान, कमजोरी या मांसपेशियों की ऐंठन, बालो का गिरना, बालो का जल्दी सफ़ेद होना, जोड़ो का दर्द जैसी बीमारियां हो जाती है। ये सब बीमारियां अब हमे देखने को मिल रही है कही न कही इसका सबसे बड़ा कारण ये आरओ का पानी ही है। World Health Organization (W.H.O.).ने भी इस बात को प्रमाणित कर दिया है कि आरओ का पानी आपकी सेहत को नुकसान पहुंचा रहा है।
इसके साथ-साथ बोतल वाले पानी का भी यही मामला है उसके पानी में भी ये खनिज पदार्थ नहीं होते है इसलिए ही उन पर mineral water नहीं purified water लिखा होता है। जिस पानी का TDS माप बहुत कम होता है उसको अगर प्लास्टिक की पैकिंग में रखते है तो वो प्लास्टिक को अवशोषित करता है मतलब उसमें प्लास्टिक खुल जाती है। बोतल वाला पानी तो काफी-काफी दिनों तक प्लास्टिक में रहता है ऐसे पानी को पीने से कैंसर जैसे रोग लग सकतें हैं। बोतल वाले पानी को ना पीये और घर से बाहर जाते समय घर से पानी ले जाये।
कैसा पानी पी सकते है ?
पानी पीने लायक है या नहीं उसकी शुद्धता को दो तरीको से मापा जाता है
- TDS (total dissolved solids )
- PH value (it is a measure of its acidity or alkalinity value)
1. TDS (total dissolved solids ) – TDS के माप से हमें ये पता चलता है कि पानी कितना कठोर यानि भारी है मतलब उसमें कितने अकार्बनिक लवण जैसे कैल्शियम, मैग्नीशियम, पोटेशियम, सोडियम, बाइकार्बोनेट, क्लोराइड, सल्फेट्स, कार्बनिक और नाइट्रेट हैं । जितने ज्यादा ये पानी में होंगे TDS माप उतना ही ज्यादा आएगा और ये कम होंगे तो कम आएगा। जितना कम TDS माप आएगा पानी आपको उतना ही मीठा लगेगा।
WHO(World Health Organization) ने कुछ माप बताये है जिसके अनुसार आप पता कर सकते है कि आपका पानी पीने लायक है या नहीं।
Level of TDS (Milligram Per Litre) | Rating |
Less then 300 | Excellent |
300-600 | Good |
600-900 | Fair |
900-1,200 | Poor |
Above 1,200 | Unacceptable |
Taste of Water with Different TDS Concentrations: http://www.who.int/water_sanitation_health/dwq/chemicals/tds.pdf
2. pH value (it is a measure of its acidity or alkalinity value) – पीएच या pH, पानी की अम्लता या क्षारकता का एक माप है। इसके वैज्ञानिक और रसायनिक विवरण में ना जाते हुए बस आप इतना समझ ले कि कम पीएच(pH) वाला पानी अम्लीय (acidic) होता है और उच्च पीएच के साथ पानी क्षारीय (alkaline) होता है। जिस पानी का पीएच(pH) माप 7.0 होता है उसको सबसे शुद्ध पानी माना जाता है।
आप अलग-अलग पीएच(pH) के उद्हारण देख सकते है
pH value | Examples |
0 | Battery acid |
1 | Gastric acid |
2 | lemon juice, vinegar |
3 | orange juice, soda |
4 | tomato juice, acid rain |
5 | black coffee, bananas |
6 | urine, milk |
7 | pure water |
8 | sea water, eggs |
9 | baking soda |
10 | Great Salt Lake, milk of magnesia |
11 | ammonia solution |
12 | soapy water |
13 | bleach, oven cleaner |
14 | liquid drain cleaner |
इन सब मापो के बारे में अगर आपको जानकारी होगी तो आप पता कर सकते है कि आपको मिलने वाला पानी आपके लिए कितना सही है।
शुद्ध पानी के लिए क्या करें-
- सबसे पहले अपने पानी की TDS value और pH value चेक करें और अगर आपके पानी का tds 500-700 तक आता है तो आप RO न ही लगवाए
- 500-700 TDS के पानी को आप उबाल कर पी सकते है पानी को उबालने से उसमें से अशुद्वियाँ खत्म हो जाती है या आप बाजार में मिलने वाले किसी अच्छी कम्पनी का पानी साफ़ करने वाला फ़िल्टर लगा सकते है। RO नहीं सिर्फ पानी को साफ करने वाला फ़िल्टर।
- हमेशा पानी को मिट्टी के घड़े (मटके) में रखें। उसका ये गुण है कि अगर पानी का TDS ज्यादा होगा तो उसको कम कर देगा और कम होगा तो उसको पीने लायक पूरा कर देगा।
- अगर आपके यहाँ पानी का TDS 700 से ज्यादा है तो सही कम्पनी का RO लगवाए और ये ध्यान रखे कि आपके RO से निकलने वाले पानी का TDS 200 से कम ना हो यानी उसमें TDS कण्ट्रोल करने का सिस्टम होना चाहिए।
- अगर आप TDS को कण्ट्रोल करने वाला RO नहीं लगवा पा रहे है क्योकि वो महंगे होते है और आप लोकल कंपनी के RO सिस्टम जो सस्ते होते है लगवाते है तो उनसे आपको बहुत कम TDS वाला पानी मिलता है जो आपके लिए नुकसानदायक है। इसका एक उपाय कर सकते है कि आप अपने घर के पानी के स्रोत वाले पानी का और RO से आने वाले पानी को TDS माप ले और फिर दोनों को उस अनुपात में मिलाये की दोनों को मिलकर आपके पानी का TDS 200 से 500 तक हो जाए जैसे 20%(नार्मल वाटर) + 80%(RO वाटर), 30% + 70%. ये बात हमेशा ध्यान रखे नार्मल वाले पानी को RO वाले पानी में मिलाने से पहले उबाल ले जिससे उसकी अशुद्धियाँ खत्म हो जाएँगी।
आशा करता हूँ आर ओ (RO) और बोतलबंद पानी को लेकर आपके मन में जो उलझन थी वो काफी हद तक मैंने हल की है और मैं आपको समझा पाया हूँ कि आपको पीने के पानी पर विशेष ध्यान रखना चाहिए।
अगर आपको हमारा ये लेख – “ क्या आर ओ (RO)और बोतलबंद पानी सेहत के लिए सही है ? (Is bottled Water and RO Purified Water good for health?) ” पसंद आया हो तो अपनी प्रतिक्रिया(comments) जरूर लिखें।
2 thoughts on “क्या आर ओ (RO)और बोतलबंद पानी सेहत के लिए सही है ? (Is bottled Water and RO Purified Water good for health?)”
Bahut aacha article likha aapne is article se mujhe malum pada ki hame kesa paani pina chahiye.
Excellent Article!