विटामिन बी 12 की कमी (Vitamin B12 deficiency) धीरे-धीरे आज एक बड़ी समस्या बनती जा रही है। पिछले कुछ सालों में लोगो का रुझान शाकाहारी (vegetarian) भोजन की तरफ हो रहा है कुछ लोगो तो पूरी तरह प्राकृतिक भोजन लेने लगे है मतलब वह भोजन जो प्रकृति ने हमे दिया है मतलब ये लोग जानवारो से मिलने वाला भोजन जैसे दूध भी नहीं पीते है ये अपने आपको को vegan बोलते है।
एक रिसर्च के अनुसार vegan लाइफ स्टाइल वालो में करीब 80-90% में विटामिन बी 12 की कमी (Vitamin B12 deficiency) पाई जाती है वहीं शाकाहारी (vegetarian) में करीब 50-65% लोगो में इसकी कमी पाई जाती है। इसके अलावा अगर आपकी उम्र 50 से ऊपर है तब भी आप में इसकी कमी होने की स्थिति हो सकती है।
क्या है इसकी कमी का कारण ?
विटामिन बी 12 (Vitamin B12) एक ऐसा विटामिन है जो मांसाहारी भोजन जैसे अण्डे, मांस, मछली, मुर्गी इत्यादि में भरपूर पाया जाता है और अगर शाकाहारी (vegetarian) भोजन में बात करें तो दूध और दूध से बनी चीजों में भी ये पाया जाता है लेकिन बहुत कम। vegan लाइफ स्टाइल वाले तो दूध और दूध से बनी चीजों का प्रयोग ही नहीं करते तो उनके पास इसको लेने का कोई और अच्छा विकल्प बचता नहीं है।
अगर आप शाकाहारी (vegetarian) भोजन करते है और आपके शरीर की थकान और कमजोरी रहती है तो बहुत हद तक ये हो सकता है कि आप में विटामिन बी 12 की कमी (Vitamin B12 deficiency) हो। क्योकि विटामिन बी 12 का काम हमारे शरीर को स्वस्थ और ऊर्जावान रखना है। विशेष रूप से भारत में तो ये आम है क्योकि यहाँ शाकाहारी (vegetarian) लोग ज्यादा है।
विटामिन बी 12 की कमी के लक्षण-
विटामिन बी 12 के साथ एक सबसे बड़ी परेशानी यह है कि इसकी कमी (deficiency) की पहचान करना थोड़ा मुश्किल है। जो परेशानिया या बीमारियाँ इसकी कमी से होती है अकसर उनके कारण कुछ और ही समझे जाते है परतु ये हो सकता है कि विटामिन बी 12 की लम्बी कमी से ये बीमारियां हुई हो। इसलिए लैब में खून और पेशाब के टेस्ट से ही इसका सही पता कर सकते है। अगर आपके खून में इसका स्तर स्तर 160 pg / mL (picograms / milliliter) से कम होगा तो इसे कमी का संकेत माना जायेगा।
विटामिन बी 12 की कमी के संकेत और लक्षणो की बात करें तो इसकी कमी कई शारीरिक और मनोवैज्ञानिक समस्याओं को जन्म दे सकती है। हालाँकि जैसा की मैंने शीर्षक में लिखा है थकान और कमजोरी इसके सबसे आम लक्षण हैं, फिर भी कई अन्य लक्षण हैं जैसे-
- एकाग्रता करने में कठिनाई (difficulty in concentration)
- एनीमिया
- कब्ज या दस्त और सूजन
- मुँह में बार बार छाले होना
- मांसपेशियों में कमजोरी
- गर्दन व कंधो में दर्द
- नसों में दर्द रहना
- शरीर में झुनझुनी होना
- पक्षाघात (paralysis) होना
- आंखों से संबंधित रोग, धुंधली नजर
- अवसाद (depression) होना, चिड़चिड़ापन
- मूंड का बार बार बदलना
- भूख कम लगना
- वजन में कमी आना
- नींद आने में कठिनाइयां
- शरीर का पीला पड़ जाना
- जल्दी सांस फूलना और बार बार चक्कर आना
जैसा आपने पढ़ा ही है ये सभी परेशानिया ऐसी है कि इनका संबंध और किसी बीमारी से भी हो सकता है इसलिए मैंने आपको बताया था कि इसको पहचाना थोड़ा मुश्किल हो जाता है। इसलिए टेस्ट करवाना ही सही तरीका है पता करने का।
किन्तु ये बात भी सच है कि विटामिन बी 12 की कमी (Vitamin B12 deficiency) इन सभी परेशानियों के होने का सबसे बड़ा कारण है।
कितना लें और कैसे ले-
अब अगर आप मांसाहारी भोजन (Non-vegetarian food) खाते है तो आपके लिए ये बहुत आसान है बस आपको खाना समय से सही मात्रा में खाना है और सबसे जरुरी अपना पाचन तंत्र (Digestive System) सही रखना है क्योकि अगर आपका पाचन तंत्र सही नहीं होगा तो आपका शरीर खाने से इसकी पूरी मात्रा नहीं निकाल पायेगा।
शाकाहारी (vegetarian) और vegan वालो की बात करें तो शाकाहारी (vegetarian) दूध और दूध से बनी चीजों जैसे टोफू पनीर, पनीर, दूध, दही इत्यादि का खूब सेवन करें और आपका भी पाचन तंत्र सही होना बहुत जरुरी है। Vegan लोगो के लिए सप्लीमेंट्स ही बचता है क्योकि यही सबसे आसान तरीका है विटामिन बी 12 की कमी को पूरा करने का।
अगर आप में अभी तक विटामिन बी 12 की कमी नहीं है तो सतर्क हो जाए और अपने खाने की आदते सही करें पौष्टिक खाना खाये जिस से आगे कभी इसकी कमी ना हो और आप ऊपर बताई सभी परेशानियों से बचें रहें और अगर आपके टेस्ट में विटामिन बी 12 की कमी आयी है तो आप कोई अच्छा सा सप्लीमेंट्स (Supplement) लें जिसमें प्रतिदिन के अनुसार पूरी मात्रा हो। अगर आपके साथ पाचन तंत्र (Digestive) ज्यादा परेशानी है तो आप इसकी इंजेक्शन भी लगवा सकते है परन्तु इन सभी के लिए किसी अच्छे डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
इसकी मात्रा की बात करें तो RDA के मुताबिक-
- 6 महीने से छोटे बच्चे: 0.4 mcg प्रतिदिन
- 6 से 12 महीने तक के बच्चे: 0.5 mcg प्रतिदिन
- 1 साल से 3 साल तक के बच्चे: 0.9 mcg प्रतिदिन
- 4 से 8 साल तक के बच्चे: 1.2 mcg प्रतिदिन
- 9 से 13 साल के बच्चे: 1.8 mcg प्रतिदिन
- वयस्क और किशोर: 2.4 mcg प्रतिदिन
- गर्भवती महिलाएं: 2.6 mcg प्रतिदिन
- स्तनपान कराने वाली महिलाएं: 2.8 mcg प्रतिदिन
अगर गलती से आप इसकी ज्यादा मात्रा लें लेते है तो भी घबराने की बात नहीं है ये पानी में घुलने वाला विटामिन है अगर आपके शरीर में इसकी मात्रा ज्यादा हो जाती है तो जितना शरीर को चाहिए उतना शरीर इसको लेकर बचा हुआ पेशाब के रास्ते शरीर बहार निकाल देता है।
अपने अलगे लेख़ में आपको मैं अपने देश भारत में मिलने वाले अच्छे विटामिन बी 12 सप्लीमेंट्स (vitamin b12 Supplement) के बारे में बताऊंगा आप वहां से अपने लिए सही सप्लीमेंट्स (Supplement) चुन सकते है।
ध्यान दें:– आपसे अनुरोध है कि यहाँ बताये गए प्रयोग को करने से पहले अपने डॉक्टर / वैद्यराज की सलाह जरूर ले। उपरोक्त वर्णित सभी जानकारी अनुभव एवं अनुशंधान के आधार पर लिखी गई हैं, जानकारी के अनुसार किये जाने वाले प्रयोग या उपायों कि प्रामाणिकता एवं लाभ-हानि की जिम्मेदारी संपादक की नहीं हैं।
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