Rural tourism

ग्रामीण पर्यटन जिसे इंग्लिश में रुरल टूरिज्म (Rural tourism) भी बोलते है का मतलब है कि कोई भी ऐसी जगह या पर्यटन, जो ग्रामीण जीवन, कला, संस्कृति और ग्रामीण स्थलों को दर्शाता हो, जिससे वहाँ के स्थानीय (local) समुदाय को आर्थिक और सामाजिक लाभ पहुँचता हो उसे ग्रामीण पर्यटन (Rural tourism) कहा जा सकता है। आसान शब्दों में कहें तो अगर आप के पास गाँव में कुछ ज़मीन या खेत है और आप वहाँ कम खर्चे में रहने खाने ओर घुमाने का प्रबंध कर देते है तो इसको ग्रामीण पर्यटन का व्यापार कहते है।

भारत के 60% to 70% लोग गाँव में रहते है और जो 30% to 40% बचे हुए है वो छोटे ओर बड़े शहरो में रहते है। शहरो में रहने वाले लोगों की बात करें तो उनकी ज़िंदगी बहुत ही व्यस्त है काम काम और काम। इसके चक्कर में उनके मन और तन दोनो की शांति ख़त्म हो गयी है। इसलिए आपने देखा होगा आज कल छुट्टियों (holidays) में घुमाने फिरने का चलन कुछ ज़्यादा ही हो गया है क्यूँकि हर कोई इस भागदोड की ज़िंदगी से कुछ पल आराम के चाहता है। यहाँ एक समस्या आती है कि यदि आपके पास समय कम है माना आप वीकेंड के दो दिन में ही कही जा सकते है और आपके शहर के आस-पास कोई पर्यटन-स्थल तो आपके लिए बड़ी मुश्किल हो जाती है। लेकिन एक चीज़ है जो हर शहर के पास है वो है वहाँ के स्थानीय ग्रामीण इलाक़े यानी स्थानीय गाँव।

मैं उन गाँवों की बात नहीं कर रहा जो आपके शहर के बिलकुल पास है वो तो अब गाँव रहे ही नहीं आपको थोड़ा आगे जाना होगा और आपको मिल जाएँगे भारत के असली गाँव। जहां आज भी वही शांति वही ग्रामीण जीवन, कला और संस्कृति है जिनमें घुल मिलकर आपको बहुत शांति और शुद्धता मिलेगी।

अब सवाल आता है कि अगर आपको किसी गाँव में जाना है वहा 1-2 दिन रुकना है वहा का खाना खाना है वहा की कला और संस्कृति को समझना है तो आप कैसे कर सकते है। अब यहाँ पर आता है ग्रामीण पर्यटन यानी रुरल टूरिज्म (Rural tourism) अभी भारत में ये व्यवसाय बहुत धीरे-धीरे आ रहा है इसकी बहुत बड़ी वजह है कि ये कैसे करना है कैसे इसका प्रचार करना है इसके बारे में हमारे किसान भाई जानते ही नहीं है। अभी ज़्यादातर शहर के व्यवसायी ही इस काम को कर रहें है वे किसानो से ज़मीने पट्टा (lease) पर लेकर कर रहें है।

भारत में किसानो की आर्थिक दशा बहुत अच्छी नहीं है उसकी बहुत बड़ी वजह है उन्हें ये ही नहीं पता कि वो कैसे किन-किन तरीक़ों से अपनी आय बढ़ा सकते है।

मैं Delhi NCR में रहता हूँ और हमारे यहाँ के ज़्यादातर किसान बस पारंपरिक फसलें ही उगाते है जैसे गेहूं, बाज़ारा, चावल, जवार इत्यादि। ये वे फसलें है जिनमें अगर आपके पास कम ज़मीने है तो आपको बहुत कुछ बचता नहीं है। कुछ किसान है जो कुछ कुछ अलग उगाने की कोशिश कर रहें है ऐसी फसलें जो यह उग सकती है और उनसे मुनाफ़ा भी ज़्यादा मिलता है। हर कोई ये नहीं कर रहा क्योंकि उनका कहना है कि हम उगा तो ले पर हमें ये नहीं पता की इनको बेचना कहा है जो एक बहुत बड़ी समस्या है।

यहाँ पर ग्रामीण पर्यटन (Rural tourism) आपकी बहुत मदद कर सकता है। आपको इसके लिया कोई अलग से प्रशिक्षण लेने की ज़रूरत नहीं है क्योंकि आपको इसमें वही सब करना है जो आप रोज़मरा में करते है। जैसे:

  • आपके पास अगर कुछ ज़मीने है तो आप वहा आप छोटी-छोटी झोपड़ियों या मिट्टी के छोटे-छोटे कमरें बना सकते है।
  • खाने के लिए आप अपने गाँव का वही सामान्य भोजन रखे जो आप खुद खाते है जैसे चूल्हे पर बनी रोटी और सब्ज़ी जो अपने ही खेत से ली हो।
  • अपने खेत के छोटे से हिस्से में सब्ज़ियाँ उगाए क्यूँकि यही शुद्धता लोगों को आपके पास लाती है।
  • आप अपने पालतू जानवर जैसे गाय और भैंस, बकरी और भेड़ को भी वही रखें जिनका शुद्ध दूध आपके गेस्ट को पीने को मिलेगा।
  • पानी के लिए वहाँ एक ट्यूबवेल या कुएं होना चाहिए।
  • अगर आप किसी हस्तकला में माहिर है तो अपना बनाया हुआ सामान भी बेच सकते है या अगर आपके गाँव या आस पास के गाँव में हस्तकला वाले है तो आप उनको भी अपने यहाँ रख सकते है।
  • आप वहाँ घोड़ा गाड़ी, बैलगाड़ी, ऊंट-गाड़ी या ऊंट की सवारी का इंतज़ाम भी कर सकते है। शहरी और विदेशी बच्चो और पर्यटक इसे बहुत पसंद करेंगे।

ग्रामीण पर्यटन (Rural tourism) में वही सब है जो एक गाँव में रहने वाले साधारण इंसान का रहन-सहन है। वही सादगी वही शुद्धता और शांति का जीवन जिसका कुछ हिस्सा चाहे 1-2 दिन के लिए ही शहरो और विदेशों में रहने वाले जीना चाहते है।

मार्केटिंग और प्रोमोशन
जिस तरह हर व्यवसाय की जानकारी लोगों तक पहुँचना ज़रूरी होता है उसी तरह इस व्यवसाय को भी मार्केटिंग और प्रोमोशन की ज़रूरत पड़ती है। आज सोशल मीडिया का ज़माना है और इंटर्नेट (Internet) और स्मार्ट फ़ोन हर किसी के पास है तो आप सोशल मीडिया जैसे facebook और youtube के माध्यम से अपनी मार्केटिंग और प्रोमोशन कर सकते है। वहाँ आपको बहुत से समूहों जैसे कॉर्पोरेट ग्रुप, छात्र समूहों, वरिष्ठ नागरिक समूहों इत्यादि मिल जाएँगे और आप बिना पैसे लगाए अपने व्यवसाय को लोगों की जानकारी में डाल सकते है।

अगर आपके पास (Internet) की सुविधा नहीं है या आप इतने पढ़े लिखे नहीं है कि आप इन सब तरीक़ों से मार्केटिंग और प्रोमोशन कर सकें तो आप किसी ऑनलाइन मार्केटिंग करने वाली कम्पनी से बात कर सकते है। वे आपके लिए बिज़्नेस ला सकते है और अगर आपके पास पर्यटक आते है तो आप पर कम्पनी को पैसे देने में भी कोई अतिरिक्त भार नहीं पड़ेगा।
Decipher Consultancy Services आपकी इस काम में मदद कर सकती है ये पिछले 12 वर्षों से अलग अलग व्यवसायो के लिए ऑनलाइन मार्केटिंग और प्रोमोशन करते आ रहें है।

1 Comment

  1. बहुत अच्छा आइडिया है ये तो। लोग कैसे आयेंगे ये थोड़ा मुश्किल काम है।

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