जब आप खाना पकाने के तेल को खरीदते है तो इस तरह के बहुत से सवाल आपके दिमाग में आते होंगे जैसे :
- खाना पकाने के तेल का स्मोक पॉइंट (smoke point) का क्या मतलब होता है?
- कौन सा तेल सही है?
- क्या आपका खाने का तेल आपके लिए सही है?
- तेल को एक बार प्रयोग करने के बाद बचा हुआ तेल फिर से प्रयोग करना चाहिए या नहीं ?
- रिफाइंड तेल खाना पकाने के लिए सही है या नहीं?
इन सब सवालो का जवाब आपको आज ज्ञानलोक पर मिलेगा।
सबसे पहले बात करते है तेल का स्मोक पॉइंट (smoke point of cooking oil), इसका मतलब होता है कि तेल गरम करने पर कितने तापमान के बाद वह जलना शुरू कर देता है या ये कहे ख़राब होना शुरू जाता है। उसमें से धुआँ निकलना शुरू हो जाता है। अलग-अलग तेलों को स्मोक पॉइंट (smoke point) अलग-अलग होता है। इसलिए जिन तेलों का स्मोक पॉइंट (smoke point) ज्यादा होता है उन तेलों को कुकिंग के लिए अच्छा माना जाता है।
कम स्मोक पॉइंट (smoke point) वाले तेलों का प्रयोग क्यों नहीं करना चाहिए?
जब किसी भी तेल को गरम करते है और उसका तापमान उसके स्मोक पॉइंट से ऊपर जाता है तो वो तेल ब्रेक हो जाता है। जिन तेलों का स्मोक पॉइंट (smoke point) कम होता है वे जल्दी ही फ्री रेडिकल्स में टूट जाते है और ये फ्री रेडिकल्स हमारे कोशिकाओं को काफी नुकसान पहुंचाते हैं। ये रेडिकल्स दूसरे अणुओं से इलेक्ट्रॉन चुराने की कोशिश करते हैं, जिससे डीएनए (DNA) और दूसरे अणुओं को नुकसान होता है और फलस्वरूप खतरनाक बीमारियां जन्म लेती हैं।
तेल को एक बार प्रयोग करने के बाद बचा हुआ तेल फिर से प्रयोग करना चाहिए या नहीं ?
बिलकुल नहीं ! एक बार प्रयोग करने के बाद अगर तेल बच जाता है तो कभी भी उसका फिर से प्रयोग न करे। इसकी बजह भी तेल का स्मोक पॉइंट (smoke point) है। जिन तेलों का स्मोक पॉइंट (smoke point) बहुत ज्यादा होता है जैसे सरसों का तेल, घी, बादाम तेल, सूरजमुखी का तेल इत्यादि इनको आप एक बार फिर से प्रयोग में लाने की सोच सकते है (ये भी ना करें तो अच्छा है ) किंतु कम स्मोक पॉइंट (smoke point) वाले तेलों को तो हरगिज प्रयोग ना करें।
जब भी आप तेल को एक बार प्रयोग करके फिर से प्रयोग करते है तो उसमें फ्री रेडिकल्स बनते है जो हमारे लिए हानिकारक है साथ ही उसके अनसैचुरेटेड फैटस में बदलाव हो जाता है और ये ट्रांस फैट में बदल जाता है। इसके संभावित खतरे है हृदय रोग, टाइप 2 डायबिटीज, लक़वा, एसिडिटी, स्ट्रोक जैसी बीमारिया।
रिफाइंड तेल खाना पकाने के लिए सही है या नहीं?
जब किसी तेल को रिफाइंड किया जाता है तो उसको बहुत से प्रक्रियाओं से गुजरना पड़ता है। जिसमें वो गरम हो जाते है और ज्यादा गरम होने पर तेल के साथ क्या होता है वो मैं आपको पहले ही बता चूका हूँ।
कौन सा तेल सही है?
जिन तेलों का स्मोक पॉइंट (smoke point) ज्यादा होता है और जो तेल अपनी कच्चा रूप (raw form) में हो। सबसे बड़ी बात अपने वातावरण के अनुकुल तेलों का प्रयोग करना चाहिए। जैसे उत्तर भारत व पूर्वी भारत के लिए सरसों का तेल, दक्षिण भारत के लिए नारियल का तेल, मध्य भारत के लिए मूंगफली का तेल अनुकुल है।
निम्न तालिका विभिन्न तेलों के स्मोक पॉइंट (smoke point) प्रस्तुत करती है।
Fat | Quality | Smoke Point | |
---|---|---|---|
Almond oil | 221°C | 430°F | |
Avocado oil | Refined | 270°C | 520°F |
Mustard oil | 250°C | 480°F | |
Butter | 150°C | 302°F | |
Butter | Clarified | 250°C | 482°F |
Canola oil | 220-230°C | 428–446°F | |
Canola oil (Rapeseed) | Expeller press | 190-232°C | 375-450°F |
Canola oil (Rapeseed) | Refined | 204°C | 400°F |
Canola oil (Rapeseed) | Unrefined | 107°C | 225°F |
Castor oil | Refined | 200°C | 392°F |
Coconut oil | Refined, dry | 232°C | 450°F |
Coconut oil | Unrefined, dry expeller pressed, virgin | 177°C | 350°F |
Corn oil | 230-238°C | 446-460°F | |
Corn oil | Unrefined | 178°C | 352°F |
Cottonseed oil | Refined, bleached, deodorized | 220-230°C | 428–446 °F |
Flaxseed oil | Unrefined | 107°C | 225°F |
Lard | 190°C | 374°F | |
Olive oil | Refined | 199-243°C | 390-470°F |
Olive oil | Virgin | 210°C | 410°F |
Olive oil | Extra virgin, low acidity, high quality | 207°C | 405°F |
Olive oil | Extra virgin | 190°C | 374°F |
Olive oil | Extra virgin | 160°C | 320°F |
Palm oil | Difractionated | 235°C | 455°F |
Peanut oil | Refined | 232°C | 450°F |
Peanut oil | 227-229°C | 441-445°F | |
Peanut oil | Unrefined | 160°C | 320°F |
Rice bran oil | Refined | 232°C | 450°F |
Safflower oil | Unrefined | 107°C | 225°F |
Safflower oil | Semirefined | 160°C | 320°F |
Safflower oil | Refined | 266°C | 510°F |
Sesame oil | Unrefined | 177°C | 350°F |
Sesame oil | Semirefined | 232°C | 450°F |
Soybean oil | 234°C | 453°F | |
Sunflower oil | Neutralized, dewaxed, bleached & deodorized | 252-254°C | 486–489°F |
Sunflower oil | Semirefined | 232°C | 450°F |
Sunflower oil | 227°C | 441°F | |
Sunflower oil | Unrefined, first cold-pressed, raw | 107°C | 225°F |
Sunflower oil, high oleic | Refined | 232°C | 450°F |
Sunflower oil, high oleic | Unrefined | 160°C | 320°F |
Grape seed oil | 216°C | 421°F | |
Vegetable oil blend | Refined | 220°C | 428°F |
Source: Wikipedia
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3 thoughts on “खाना पकाने के तेल के स्मोक पॉइंट का क्या अर्थ है और यह क्यों महत्वपूर्ण है (What is the meaning of smoke point of cooking oil and why it’s important?)”
इतना सब तो पता ही नहीं था। तेल लेने से पहले ये सब जानकारी होना ज़रूरी है।धन्यवाद आपका
आपको यह पता होगा तो आप अपने खाने के लिए अच्छा तेल चुन पाएंगे।
Very good information everything at one place. Thanks