“Is It Possible to Stay Fit Without Going to Gym?”
“क्या मैं जिम जाए बिना भी फिट रहा (stay fit) सकता हूँ?”
“मेरे पास जिम जाने के पैसे नहीं है ना ही मैं घर पर वर्कआउट का सामान ला सकता हूँ फिर मैं कैसे फिट रहूँ ?”
इस तरह के सवाल बहुत आते है और कोरोना वायरस महामारी के बाद तो लोगो को ये लगने लगा है कि कोई तरीका हो कि जिम जाए बिना भी फिट रहा जाए ये वे लोग है जो घर पर जिम से संबंधित सामान नहीं ला सकते है।
अगर मैं अपनी बात करू तो अगर मैं जिम नहीं जाता तो मैंने घर पर कुछ-कुछ वर्कआउट करने का सामान रखा हुआ है परन्तु पिछले एक साल से कोरोना के चलते जिम जाना हो नहीं रहा था तो मैंने एक प्रयोग किया। क्या हो अगर ना जिम जाया जाए ना ही घर पर जिम वाले सामान से वर्कआउट किया जाए। पुराने समय में फिट रहने के जो किया जाता था वही सब किया जाए।
अगर हम पुराने ज़माने की बात करें तो उस समय तो जिम जैसी कोई चीज ही नहीं थी उस समय व्यामशाला होती थी और वह आज के जिम के जैसे हर कोई नहीं जाता था वहां बस वही जाते थे जिन्हे पहलवानी करनी होती थी। फिर भी हमारे पूर्वज हम से ज्यादा फिट और स्वस्थ थे कैसे ?
इसकी बहुत बड़ी वजह थी पुराने ज़माने में लोग कामो को करने में अपने शरीर का ज्यादा प्रयोग करते थे और आज के मशीनी युग में शरीर से ज्यादा दिमाग का प्रयोग हो रहा है। मतलब आज हमारी शरीर की हलचल बहुत कम हो गयी है।
क्या तरीके है जिनसे हम बिना जिम जाए भी फिट रह सकते (stay fit without going to gym)है?
अपना ज्यादा समय बाहर मतलब प्रकृति में बिताएं-
ये आज सबसे बड़ी समस्या है कि हम पूरा दिन अपनी कुर्सी से चिपके रहते है। कुछ पेशों (professions, jobs) को छोड़ दे तो आज ज्यादातर कामो में आपको जितने समय काम करना होता है बैठ कर करने ही होते है। उसके बाद अगर आपके पास अपनी सवारी है तो आप फिर से बैठ घर जायेंगे अगर पब्लिक ट्रांसपोर्ट से जाते हो वह भी हो सकता है आपको बैठने की जगह मिल जाए। फिर घर पहुंच कर भी बैठे रहना है। मेरा कहने का मतलब है कि हम ने अपने को इतना आलसी बना लिया है कि हम घर और ऑफिस से बाहर प्रकृति में निकलना भूल गए है।
अपने आप को घर से बाहर निकालो। पार्क में जाओ खुले स्थानों में जाओ, खेल के मैदानों में जाओ यानि अपने दिन का कुछ समय घर और ऑफिस से बाहर प्रकृति के साथ गुजारो। अपने शरीर पर धुप लगने दो, पेड़-पौधों और फूलो को देखो उनकी खुशबू को महसूस करो। बाहर निकलेंगे तो शरीर चलेगा बाहर की हवा खुली धुप से मिलने वाली विटामिन-डी ये सब आपके शरीर को अंदर से मजबूत बनाएंगे यानि आपकी इम्युनिटी पावर (रोगो से लड़ने की शक्ति) मजबूत होगी।
आज के समय में जो ये मोटापा बढ़ रहा है लोग जल्दी जल्दी बीमार होते है उसका सबसे बड़ा कारण यही प्रकृति से दूर हो जाना है।
ज्यादा से ज्यादा पैदल चले-
आपको पता है कि हमारे पूर्वज इतने ज्यादा फिट (stay fit) इसलिए थे क्योकि वे दिन भर में बहुत ज्यादा पैदल चलते थे। पैदल चलना अपने आप में एक व्यायाम है। जैसे मैंने ऊपर बताया कि हम इतने आलसी हो गए है कि हमने पैदल चलना ही छोड़ दिया है। आप जितना ज्यादा पैदल चलेंगे उतने ही स्वस्थ और फिट होंगे। आप इंटरनेट पर अगर सर्च करेंगे कि ज्यादा से ज्यादा पैदल चलने के क्या फायदे है तो आपको बहुत बड़े बड़े लेख मिल जाएंगे। ये इतना ज्यादा मत्वपूर्ण और फायदेमंद है कि आपने दिन में कितने कदम चले उन्हें गिनने की लिए जाने कितने ही इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों आते है।
प्रतिदिन जितना हो सके पैदल चलने की कोशिश करें जैसे-
- सुबह जल्दी जागना शुरू करें और निकल जाए टहलने के लिए।
- अपने डेस्क पर पानी की बोतल मत रखे हर बार पानी पीने के लिए पैंट्री तक जाए।
- साथी से बात करनी है तो उसके डेस्क पर जा कर बात करें फ़ोन का प्रयोग ना करें।
- अगर आपकी बिल्डिंग में लिफ्ट है तो उसका प्रयोग ना करें सीढ़ियों का प्रयोग करें।
- आजकल सभी के घरों पर स्कूटर या बाइक होती है आस-पास कही भी जाना होता है ले कर चल देते है जो गलत है अपने आस-पास जाना है तो पैदल ही जाए।
पुरे दिन जितना ज्यादा पैदल चलेंगे उतना ही आपके शरीर और आपका दिल और दिमाग स्वस्थ (stay fit) रहेंगे ज्यादा वजन नहीं बढ़ेगा आपके शरीर में आलस नहीं आएगा।
बॉडीवेट व्यायाम करें-
WHO के निर्देशानुसार एक वयस्क व्याक्ति को हर सप्ताह कम से कम 150 मिनट की शारीरिक गतिविधि करनी ही चाहिए और व्यायाम करना भी उनमें आता है। आप को जिम नहीं जाना ना ही वर्कआउट का सामान का प्रयोग करना है तो बॉडीवेट व्यायाम आपके लिए सर्वोत्तम विकल्प है। लटकना, उठक-बैठक करना, पुश-अप्स, जैसे व्यायाम जिन्हे आप कही भी कर सकते है अपने कमरे में , बालकनी में, पार्क में कही भी।
अगर आपको बॉडीबिल्डर नहीं बना फिट रहना है तो बॉडीवेट व्यायाम से ये आप आराम से हासिल कर सकते है।
खुश रहना सीखो-
अगर आपको फिट रहना है आपको पूरी तरह स्वस्थ (stay fit) रहना है तो अपने को खुश रखना सीखो। खुल के हँसा करो। ऐसे लोगो के साथ रहो जिनके साथ रहने में आपको खुशी मिलती है। दूसरे क्या बोलते है या दूसरे कैसे खुश होंगे ये सब में अपनी जिंदगी को ख़राब मत करो। हम अपनी जिन्दगी को ऐसी बहुत सी इच्छाओं को पूरा करने में ख़राब कर देते है जो हमारी इच्छाएं नहीं थी बल्कि वे थी जिनसे दूसरे खुश होंगे।
हम जितना खुश रहते है हमारी इम्युनिटी पावर (रोगो से लड़ने की शक्ति) उतनी ही मजबूत होती है। तो खुल के हसो और हसाओ दोस्तों से मिलो अगर आप घर पर खाली है और बहार जाना संभव नहीं है जैसे अभी कोरोना के चलते नहीं जा सकते तो कोई कॉमेडी शो देखो कॉमेडी मूवी देखो आप देखेंगे आपकी शरीर में कुछ अलग ही बदलाव होंगे।