All About anabolic steroids
  • ऐनबालिक स्टेरॉयड (anabolic steroids) क्या होते है?
  • बॉडी बनाने के लिए क्या ऐनबालिक स्टेरॉयड (anabolic steroids) ज़रूरी है?
  • क्यों अधिकतर जिम ट्रेनर ऐनबालिक स्टेरॉयड (anabolic steroids) को देना पसंद करते है?
  • क्या ऐनबालिक स्टेरॉयड (anabolic steroids) लेने से कोई दिक़्क़त होती है?

हर कोई जो फ़िट्नेस से सम्बंध रखता है anabolic steroids के बारे में ज़रूर बात करता है आख़िर ये क्या बला है?

अगर आपने अभी-अभी फ़िट्नेस की दुनिया में कदम रखा है नया-नया जिम जाना शुरू किया है तो आपने ये बातें ज़रूर सुनी होंगी। जैसे-
ऐनबालिक स्टेरॉयड (anabolic steroids), बॉडी बनाने वाले इंजेक्शन, गोलियाँ।
इनके बिना कुछ नहीं हो सकता। आपकी बॉडी बन ही नहीं सकती।
जो भी जिम में बॉडी बिल्डर है उसने स्टेरॉयड (steroids) से ही बॉडी बनायी है, और भी बहुत कुछ।

इन सब सवालों के जवाब से पहले आपको ये समझना पड़ेगा कि ऐनबालिक स्टेरॉयड (anabolic steroids) की ज़रूरत क्यों पड़ी उसके बाद हम समझेंगे की ये होते क्या है और क्या काम करते है क्या आपको ये लेने चाहिए ?

जैसा कि आप जानते हैं कि पुरुष हार्मोन (Male hormones), मुख्य रूप से टेस्टोस्टेरोन(Testosterone), आपके किशोरावस्था में होने वाले विकास संबंधी परिवर्तनों के लिए जिम्मेदार होते हैं। जैसे शरीर का सुडोल होना, चेहरे पर दाड़ी का आना, आवाज़ का भारी होना इत्यादि।

1849 में वैज्ञानिको ने परीक्षण में पाया कि अगर किसी के अंडकोष (testicles) को निकाल दिया जाए तो उसकी कई विशेषताये जो उसको नर बनती है वो वह खो देता है। उसका कारण है कि हमारे शरीर में टेस्टोस्टेरोन(Testosterone) का 95% उत्पादन इन अंडकोष (testicles) में ही होता है। अब इसका उत्पादन कितना होना है ये हमारे दिमाग से कंट्रोल होता है शरीर की ज़रूरत के अनुसार दिमाग से सिग्नल जाता है कि टेस्टोस्टेरोन(Testosterone) चाहिए और हमारे अंडकोष (testicles) उतना उत्पादन करते है।

अब अगर हम फ़िट्नेस या बॉडी बिल्डिंग की बात करें तो आपका शरीर कितना मजबूत और बलवान बनेगा इसमें टेस्टोस्टेरोन(Testosterone) का बहुत बड़ा हाथ है। टेस्टोस्टेरोन(Testosterone) न्यूरोट्रांसमीटर (neurotransmitters) बढ़ाता है, जो मांसपेशियों के विकास को बढ़ता है। टेस्टोस्टेरोन ग्रोथ हार्मोन के स्तर को बढ़ाता है।
मतलब ये कि अगर आपके शरीर में टेस्टोस्टेरोन(Testosterone) का स्तर कम रहेगा तो आप कमजोर रहेंगे आपकी बॉडी नहीं बन पाएँगी। जितना इसका स्तर बढ़ेगा आप उतना ही ग्रो करोगे। आप के शरीर में शक्ति और कार्यक्षमता बढ़ेगी। टेस्टोस्टेरोन(Testosterone) एक male हार्मोन है परंतु थोड़ी मात्रा में females के शरीर में भी टेस्टोस्टेरोन(Testosterone) बनता है।

आप किसी खेल चाहे वो भाग-दौड़ वाला हो या शक्ति वाला (जैसे वजन उठाना) या बॉडी बिल्डिंग हो में कितना अच्छा परदर्शन करते है उसमें आपकी जेनेटिक्स बहुत बड़ा रोल अदा करते है और इनमें ये बात कि आपके शरीर में टेस्टोस्टेरोन(Testosterone) का स्तर कितना है।

दुनिया में हमेशा ही हर देश दूसरों से आगे निकलना चाहता है अब चाहे वो खेल का मैदान हो या जंग का। इन दोनो मैदानो में जिनके लोग ज़्यादा शक्तिशाली होंगे वही आगे जाएगा और अगर किसी तरह से व्यक्ति के शरीर में टेस्टोस्टेरोन(Testosterone) का स्तर बड़ा दिया जाए तो उसका प्रदर्शन(performance) दूसरे से बेहतर होगा।

टेस्टोस्टेरोन का स्तर प्राकृतिक तरीके से कैसे बढायें? (How to increase testosterone level naturally?)
सप्लीमेंट जो टेस्टोस्टेरोन का स्तर को बढ़ाने में मदद करते है (Best Supplements to Boost Testosterone Levels)

इस के चलते वैज्ञानिको ने टेस्टोस्टेरोन(Testosterone) का सिंथेटिक रूप बनाया जिसको गोलियों से या इंजेक्शन से मानव शरीर में डाला जाता है जिस से उसके शरीर में टेस्टोस्टेरोन(Testosterone) का स्तर उसकी प्राकृतिक क्षमता से बहुत ज़्यादा हो जाता है और वो एक नोर्मल इंसान से बहुत ज़्यादा बलवान, मजबूत और सुडोल हो जाता है। इस सिंथेटिक रूप को ही ऐनबालिक स्टेरॉयड (anabolic steroids) कहा जाता है। ये शरीर की anabolic processes को बहुत ज़्यादा बढ़ाने का काम करते है। जैसे ये muscle Recovery Time को कम कर देता है, Muscle Mass बहुत तेज़ी से बढ़ता है, Body Fat को कम करता है, आपके Red Blood Cell Production को बढ़ा देता है आपकी strength बहुत ज़्यादा बढ़ जाती है।

सबसे पहले सैनिको पर इन स्टेरॉयड (steroids) का प्रयोग किया गया और ये देखा गया कि उनकी काम करने की, दर्द सहने की क्षमता बढ़ गयी। इसके बाद अलग-अलग खेलो में इनका प्रयोग किया जाने लगा। एक स्टेरॉयड (steroids) लेने वाला स्टेरॉयड (steroids) ना लेने वाले से अच्छा खेलता था। इनकी ऐनबालिक (anabolic) ख़ासियतों के चलते बॉडी बिल्डिंग में भी इनका प्रयोग होने लगा। खेलो में स्टेरॉयड (steroids) का बहुत ज़्यादा उपयोग के बढ़ने से खेलो से इसको बैन कर दिया गया है। अब जिस भी खिलाड़ी के शरीर में स्टेरॉयड (steroids) मिलते है उसको उस खेल से बैन कर दिया जाता है किंतु अभी भी बॉडी बिल्डिंग में इसका सबसे ज़्यादा सेवन किया जा रहा है। पुरुष बॉडी बिल्डर के साथ-साथ महिला बॉडी बिल्डर भी इनका प्रयोग कर रहे है।

क्या स्टेरॉयड आपके लिए खराब हैं?
ये एक ऐसा सवाल है जिसका जवाब हाँ या ना दोनो हो सकते है। पहले बात करते है कि स्टेरॉयड (steroids) ख़राब क्यों नहीं है।
मानव शरीर में बहुत से एसी बीमारियाँ होती है जिनके इलाज में दवाइयों से कोई फ़ायदा नहीं होता है तब ये स्टेरॉयड (steroids) वहा पर बहुत काम आते है जैसे कुछ बीमारियाँ जैसे AIDS, Cancer इत्यादि में मरीज़ को muscle loss होता है वहाँ ऐनबालिक स्टेरॉयड (anabolic steroids) muscle recovery में बहुत मदद करती है। बहुत से पुरुष होते है जिनमें Low Testosterone का issue हो जाता है तब इन ऐनबालिक स्टेरॉयड (anabolic steroids) की मदद से डॉक्टर इलाज करते है। इसके अलावा भी medical science में काफ़ी बीमारियों के इलाज में स्टेरॉयड (steroids) का इस्तेमाल होता है।

अब बात करते है कि स्टेरॉयड (steroids) ख़राब क्यों है।
ये तो आप जानते ही होंगे कि जो भी दवा हम किसी बीमारी को सही करने के लिए लेते है उनके थोड़े बहुत साइड इफ़ेक्ट भी होते है। थोड़े समय तक लेने पर ये साइड इफ़ेक्ट आपको महसूस नहीं होते है किसी-किसी को ये एक दम से महसूस हो जाते है तो आपके डॉक्टर आपकी दवाई बदल देते है। मतलब ये कि आप दवाई डॉक्टर की देख-रेख में लेते है जिन्हें पता होता है कि कितने समय के लिए किस दवाई को देना है कितनी खुराक लेनी है और कब कोनसी दवाई बदलनी है या किसके साथ कोनसी दवाई ले सकते है या लेनी पड़ेगी।

अब जब स्टेरॉयड (steroids) के बात आती है तो इनके side-effect यानी बुरे प्रभाव नोर्मल दवाईयो से बहुत ज़्यादा है और fitness industry में इनका प्रयोग ज़्यादातर बिना किसी expert या डॉक्टर की मदद लिए बिना किया जाता है। ये बताया जाता है कि बॉडी-बिल्डर इनकी recommended dose से 10 to 100 गुना ज़्यादा इनका प्रयोग करते है।

स्टेरॉयड (steroids) को लोग ग़लत तरीक़े से प्रयोग क्यों करते है (Anabolic Steroid Abuse)
इसके पीछे सबसे बड़ा कारण है इसने होने वाले शरीर बदलाव। जब कोई इंसान बॉडी बनाने के लिए ऐनबालिक स्टेरॉयड (anabolic steroids) लेना शुरू करता है तो उसकी workout करने की क्षमता बढ़ जाती है वो पहले से ज़्यादा वजन से exercise कर पता है उसकी muscles का साइज़ बढ़ना शुरू हो जाता है। यही से स्टेरॉयड (steroids) का ग़लत ओर ज़्यादा प्रयोग करना शुरू होता है। आपको लगता है थोड़ी dose बढ़ा लेते है और ज़्यादा workout होगा और ज़्यादा muscles बनेगी जिम में सब देखने लगेंगे, दोस्तों impress होंगे इत्यादि।

अगर हम bodybuilding की बात करें तो आज जो इसका इतना चलन है हर नोजवान अच्छी बॉडी बनाना चाहता है इसके पीछे भी स्टेरॉयड (steroids) का रोल है क्यूँकि जिन bodybuilders को देख कर आपका भी उनके जैसा शरीर बनाने का मन करता है उन सबने कभी ना कभी स्टेरॉयड (steroids) का उपयोग किया है या कर रहें है क्यूँकि इंसानी शरीर की एक सीमा है उससे बड़ा विशालकाय आप नहीं हो सकते है और जो आप बड़े बड़े विशाल भुजाओं वाले bodybuilders देखते है इनमें जेनेटिक्स से ज़्यादा ऐनबालिक स्टेरॉयड (anabolic steroids) का हाथ है। यही इस खेल का कड़वा सच है।

स्टेरॉयड (steroids) के दुरुपयोग से क्या बुरे प्रभाव होते है?
स्टेरॉयड के side-effect बहुत ज़्यादा है। ये आपको शारीरिक हानि के साथ-साथ मानसिक दुष्प्रभाव भी करते है।

मानसिक दुष्प्रभाव

  • बार बार mood बदलना जैसे ग़ुस्सा आना या दुखी होना
  • भ्रम होना, गलत विचार आना
  • रात को नींद ना आना, एक दम से नींद खुल जाना
  • पागलपन सा होना, लड़ने का मन होना, किसी से बात ना करना

शारीरिक दुष्प्रभाव
ऐनबालिक स्टेरॉयड (anabolic steroids) से शरीर में बाहरी दुष्प्रभाव के साथ साथ अंदरोनी दुष्प्रभाव भी बहुत ज़्यादा है।

  • उच्च रक्तचाप (high blood pressure)
  • दिल का दौरा (heart attacks)
  • आघात (stroke)
  • अंडकोष का सिकुड़ना
  • शुक्राणुओं की संख्या में कमी
  • गंजापन(baldness)
  • पुरुषों में स्तनों का विकास (gynaecomastia)
  • गुर्दे की समस्या या विफलता
  • liver की क्षति और ट्यूमर
  • दिल का size बढ़ जाना

महिलाओं में ऐनबालिक स्टेरॉयड (anabolic steroids) के दुष्प्रभाव

  • मासिक धर्म चक्र में परेशानी(loss of the menstrual cycle)
  • चेहरे के बालों या अतिरिक्त शरीर के बालों का विकास
  • पुरुषों की तरह बालों का झड़ना (male-pattern baldness)
  • आवाज़ भारी होना
  • स्तन का आकार घटना

ऐनबालिक स्टेरॉयड (anabolic steroids) का काला सच
दो जरुरी बातें मैं यहाँ जोड़ना चाहूंगा पहली कि ऐनबालिक स्टेरॉयड (anabolic steroids) में सबसे ज्यादा प्रयोग में आने वाला स्टेरॉयड है सिंथेटिक टेस्टोस्टेरोन (synthetic testosterone) जिसका प्रमुख काम है शरीर में मसल्स को तेजी से बनाना। जब आप इसको लेनाशुरू करते है तो आपके शरीर में पहले से बहुत ज्यादा टेस्टोस्टेरोन (testosterone) चला जाता है तो हमारा शरीर अपना खुद का टेस्टोस्टेरोन (testosterone) बनाना बंद कर देता है। अब जब आप ऐनबालिक स्टेरॉयड (anabolic steroids) लेना रोक देते है तो ये कुछ लोगो में वापस से शुरू नहीं होता है या शुरू भी होता है तो पहले से कम मात्रा में टेस्टोस्टेरोन (testosterone) बनता है।

कुछ स्मार्ट लोग बोलेंगे कि हम PCT (post cycle therapy) करके इसको सही कर लेंगे वैसे यहां मैं आपको बता दूँ कि जाने कितने ही बच्चे तो ये PCT करते ही नहीं है और बहुत से ये क्या है इसको जानते ही नहीं है क्योकि बहुत से स्टेरॉयड (steroids) लेने वालो को लगता है कि PCT (post cycle therapy) का काम शरीर से स्टेरॉयड (steroids) बहार निकलना है इसलिए वे इस पर ध्यान ही नहीं देते है।

PCT (post cycle therapy) का मतलब होता है कि ऐनबालिक स्टेरॉयड (anabolic steroids) के वजह से जो आपके शरीर ने अपना खुद का प्राकर्तिक टेस्टोस्टेरोन (testosterone) बनाना बंद कर दिया था उस क्रिया को फिर से चलाना।

परन्तु एक बात आप अच्छे से समझ लें रिसर्च में ये सामने आया है कि चाहे आप कितने भी अच्छी तरह से किसी भी बड़े से बड़े विशेषज्ञ की देखरेख में PCT कर लें आपका शरीर वापिस से कभी भी उतना प्राकर्तिक टेस्टोस्टेरोन (testosterone) नहीं बनता है मतलब टेस्टोस्टेरोन स्टेरॉयड (testosterone steroids) लेने से पहले जितनी मात्रा में आपका शरीर टेस्टोस्टेरोन बनता था हर संभव कोशिश करने के बाद भी आप वापिस से उसी मात्रा पर उसको नहीं ला सकते है।

दूसरा जब आप ऐनबालिक स्टेरॉयड लें रहे होते है तो आपके मसल्स और शक्ति में बढ़त हो रही होती है क्योकि आपके शरीर में बहुत ज्यादा टेस्टोस्टेरोन(testosterone) जा रहा होता है और जब आप ऐनबालिक स्टेरॉयड लेना बंद कर देते है और आपका शरीर अपना खुद का टेस्टोस्टेरोन बनाना शुरू कर देता है जो पहले से भी कम बन रहा होता है। धीरे धीरे आपके मसल्स और शक्ति कम होने लगती है और ये किसी को भी अच्छा नहीं लगता है तो फिर से ऐनबालिक स्टेरॉयड (anabolic steroids) लेने लगते है। कहने का मतलब है कि जब आप एक बार ऐनबालिक स्टेरॉयड (anabolic steroids) लेना शुरू कर देते है और उस से मिले फायदों से खुश हो जाते है बड़ी हुई मसल्स जिम में ज्यादा वजन से कसरत करना तो आप चाह कर भी इसको छोड़ नहीं पाते है। जिस शरीर की चाहत में आपने एक बार स्टेरॉयड लिए अब इसको बनाये रखने के लिए आपको बार बार लेने ही पड़ेंगे और हर बार ये आपके शरीर के अंदर कुछ ना कुछ नुकसान करेगा ही।

क्या डॉक्टर की देख-रेख में ऐनबालिक स्टेरॉयड (anabolic steroids) ले सकते है?
मैं एक certified nutrition and fitness professional हूँ और मेरी निजी राय है कि आपको फ़िट्नेस या बॉडी बनाने के लिए कभी भी ऐनबालिक स्टेरॉयड (anabolic steroids) का प्रयोग नहीं करना चाहिए। किसी मेडिकल कंडिशन (medical emergency) में डॉक्टर के बताने पर ले सकते है बस उतना जितना बताया गया है। अब यहाँ आप बोलेंगे की अगर bodybuilding करनी है competition लड़ना है तो ऐनबालिक स्टेरॉयड (anabolic steroids) लेने ही होंगे क्यूँकि अन्य प्रतियोगी भी ऐनबालिक (anabolic) ले रहे है तो क्या करें। ये आपकी व्यक्तिगत फ़ैसला है मैं कभी उस खेल में नहीं जाना चाहूँगा जहाँ पर इस तरह की दवाओं का प्रयोग करना पड़े जिस से जान जा सकती हो।

अगर आप fitness industry में थोड़ा रीसर्च करें तो आपको पता चलेगा जाने ही कितने बड़े बड़े बॉडी बिल्डर की मौत का कारण स्टेरॉयड (steroids) के दुरुपयोग रहा है। उनके साथ भी बहुत से expert ओर डॉक्टर भी थे उसके बावजूद भी उनकी जान चली गयी।

कुछ नाम मैं आपको बता देता हूँ आप इनके बारे में internet पर खोजेंगे तो आपको सब पता चल जाएगा

  • Dallas McCarver (Died Age 26)
  • Andreas Münzer (Died Age 31)
  • Anthony D’Arezzo (Died Age 44)
  • Nasser El Sonbaty (Died Age 47)
  • Daniele Seccarecci (Died Age 33)
  • Greg Kovacs (Died Age 44)
  • Rich Piana (Died Age 45)
  • Scott Klein (Died Age 30)
  • Mohammed Benaziza (Died Age 33)
  • Ray Mentzer (Died Age 47)

आपको ये समझना पड़ेगा कि जब आप ऐनबालिक स्टेरॉयड (anabolic steroids) लेते है तो इनके परिणाम आपको इनका आदी बना देते है आप इस सौच के साथ लेना शुरू करते है कि हद में रह कर प्रयोग करोगे परन्तु ये होता नहीं है आप ज़्यादा बड़े बनाना चाहोगे आप ज़्यादा workout करना चाहोगे आप सौचोगे थोड़ी dose बढ़ा लेते है कुछ परेशानी नहीं होगी और इस थोड़ा थोड़ा से आप इसकी over dose तक आ जाएँगे और आपको इसके दुष्प्रभाव झेलने पड़ेंगे। लम्बे समय तक अगर आप ऐनबालिक स्टेरॉयड स्टेरॉयड (anabolic steroids) लेते है तो भी इनके दुष्प्रभाव आपको होते है।

आप कहेंगे मैं लम्बे समय तक नहीं लूँगा कुछ समय लेकर अच्छी बॉडी बनाकर छोड़ दूँगा।
आप ये नहीं कर सकते है क्यूँकि स्टेरॉयड (steroids) का एक और बुरा पहेलू है कि जब तक आप इन्हें लेते है आपको अच्छे परिणाम मिलते है आपकी strength ज़्यादा रहेगी आप लगातार ग्रो करते रहेंगे और जैसे ही आप इनको लेना बंद कर देंगे आपके बॉडी का साइज़ कम होना शुरू हो जाएगा आप जितने वजन से पहले वर्काउट कर रहे थे अब नहीं कर पाओगे। और ये इंसानी फ़ितरत है ऊपर से नीचे कोई नहीं आना चाहता ना चाहते हुए भी आप स्टेरॉयड (steroids) फिर से लेंगे जिस से आपका साइज़ आपकी strength कम ना हो ओर फिर आपको इसके दुष्प्रभाव झेलने ही पड़ेंगे।

थोड़ा समय, सही खाना और आपका कठोर परिश्रम आपको बिना किसी स्टेरॉयड (steroids) के प्रयोग किए बिना एक अच्छी सेहत, अच्छी बॉडी बना सकते है। हमारा देश पहलवानो का देश रहा है यह बहुत शक्तिशाली अच्छी बॉडी वाले पहलवान हुए उन लोगों ने कभी ऐनबालिक स्टेरॉयड (anabolic steroids) नहीं लिए तो आपको अच्छी सेहत, अच्छी बॉडी के लिए भी ऐनबालिक स्टेरॉयड (anabolic steroids) लेने की ज़रूरत नहीं है।

अगर आप बिना किसी ऐनबालिक स्टेरॉयड (anabolic steroids) के प्रयोग के अपने को फिट करना चाहते है तो आप मुझे संपर्क कर सकते है। मैं एक certified nutrition and fitness professional हूँ और मैंने कई लोगो की सही डाइट और सही से कसरत से एक अच्छी फिटनेस पाने में मदद की है।

और पढ़े-
5 तरीके से पहचाने कि कोई स्टेरॉयड का उपयोग कर रहा है या नहीं | 5 Ways To Know If Someone Is Using Anabolic Steroids Or Not

updated on: 16-09-2021

7 Comments

  1. ये लेख लिख कर आपने बहुत अच्छा किया। आज जाने कितने जवान लड़के इन स्टेरॉयड के चक्कर में अपनी ज़िंदगी ख़राब कर रहें है कौन समझाए उन लोगों को।
    आप का लेख मुझे बहुत पसंद आया

    1. इस लेख को लिखने के पीछे मेरी यही इच्छा है कि इसे पढ़ कर बच्चों को समझ आए वो क्या कर रहें है।

  2. बहुत भयानक सच है जो जितना जल्दी समझ जाए उतना अच्छा है।आपका बहुत बहुत शुक्रिया आपने ये सब हिंदी में लिखा।

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