क्या बच्चों को अश्वगंधा (Ashwagandha) देना सुरक्षित है इसके क्या-क्या फायदे है? | Ashwagandha Benefits for Kids
Ashwagandha se height kaise badhaye
बच्चों की लम्बाई बढ़ाने के लिए क्या अश्वगंधा (Ashwagandha) खिला सकते है? | Ashwagandha Benefits for Kids in overall growth and height gain
अश्वगंधा (Ashwagandha) एक जड़ी-बूटी है जिसके बारे में इंडिया में ज्यादातर लोग थोड़ी बहुत जानकारी रखते है। अश्वगंधा (Ashwagandha) एक ऐसी जड़ी-बूटी है जिसका प्रयोग दुनिया भर में दिमाग से सम्बंधित रोग जैसे तनाव(stress), चिंता(tension) इत्यादि के लिए किया जाता है इसलिए इसको बहुत प्रभावशाली एंटी स्ट्रेस (ANTI-STRESS) जड़ी-बूटी भी कहा जाता है।
शायद आपको पता नहीं हो अश्वगंधा (Ashwagandha) जिसका रासायनिक नाम (Withania somnifera) है, बच्चों के लिए भी एक बहुत फ़ायदेमंद रसायन औषद्यि है। अकसर कुछ माता-पिता मेरे पास प्रश्न लेकर आते है क्या हम अपने बच्चों को अश्वगंधा (Ashwagandha) दे सकते है। इसका जवाब है कि आप बच्चों को अश्वगंधा (Ashwagandha) दे सकते है यह बच्चों के लिए भी सुरक्षित है बस आप इसको अपने बच्चों को देने से पहले अपने डॉक्टर / वैद्यराज की सलाह जरूर लें।
आज के लेख में आपको मैं बताऊंगा कि बच्चों के लिए अश्वगंधा (Ashwagandha) के क्या-क्या फायदे है।
बच्चों की मस्तिष्क शक्ति के लिए-
आयुर्वेदा में अश्वगंधा को मस्तिष्क को पोषण देनी वाली जड़ी-बूटियां बताया गया है। एक बीमारी है अटेंशन डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिस्ऑर्डर यानि ध्यान की कमी (ADHD) यह बच्चों को होने वाला सबसे अधिक सामान्य मानसिक विकार है। हमारे मस्तिष्क की शक्ति को बढ़ाने से जुड़ा सबसे महत्वपूर्ण न्यूरोट्रांसमीटर होता है एसिटाइलकोलाइन (acetylcholine), और अध्ययनों से पता चला है कि जल्दी से नहीं सीख पाने और याद रखने की क्षमता में एसिटाइलकोलाइन (acetylcholine) एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। एडीएचडी (ADHD) वाले बच्चों पर शोध में पाया गया कि अश्वगंधा एसिटाइलकोलाइन को तोड़ने वाले एंजाइम की गतिविधि को रोक कर एसिटाइलकोलाइन (acetylcholine) को बढ़ाता है।
बीमारी से लड़ने की शक्ति को बढ़ाना-
आजकल हमें देखने को मिल रहा है कि बच्चे बहुत जल्दी बीमार हो जाते है विशेष रूप से संक्रमण से होने वाली बीमारियाँ। बच्चों की बीमारी से लड़ने की शक्ति बहुत कमजोर हो चुकी है। अश्वगंधा (Ashwagandha) में मजबूत एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-फंगल और साथ ही जीवाणुरोधी गुण होते हैं जो बीमारी से लड़ने में मदद करते हैं। एक अध्ययन में देखा गया कि अश्वगंधा जड़ के अर्क (Extract of Ashwagandha) लेने से संक्रमण होने की दर में कमी होती है।
बच्चों में तनाव और चिंता कम करने में मदद-
एक समय था जब तनाव और चिंता जैसी परेशानियाँ एक उम्र के बाद गिने चुने लोगों में मिला करती थी और आजकल तो ये एक आम समस्या हो गयी जिस से शायद ही कोई बचा हो यहां तक कि अब तो ये छोटे बच्चों में भी आने लगी है। आजकल बच्चों पर पढ़ाई का इतना ज्यादा दबाव है कि बच्चों में भी तनाव और चिंता जैसी परेशानियाँ आने लगी है। अश्वगंधा हमारे बच्चों के शरीर को तनाव को बेहतर तरीके से संभालने और सहन करने में सक्षम बनाने में बहुत मदद करता है। अध्ययनों से पता चला है कि अश्वगंधा (Withania somnifera) एक उत्कृष्ट तनाव निवारक है और यह हमारे बच्चों और किशोरों के लिए बेहद मददगार हो सकता है।
नींद कम आने की परेशानी-
जिस समय में हम अभी है इसमें बच्चों के अंदर एक और बड़ी परेशानी बढ़ रही है वह है नींद कम आना। इसकी बहुत बड़ी वजह है कि आजकल बच्चे खेलने के लिए घर से बहार ही नहीं निकलते है और पूरा दिन टीवी या मोबाइल, कंप्यूटर और वीडियो गेम्स जैसे इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में लगे रहते है। इनके नकारात्मक परिणामों में से एक है नींद का ख़राब होना। एक रिसर्च में पाया गया कि अश्वगंधा नींद की गुणवत्ता और सही समय पर नींद आने में सुधार करता है।
बच्चों में शारीरिक विकास करने में मदद करना-
बच्चों में जब शारीरिक विकास की बात आती है तो बाजार में जाने ही कितने तरह टॉनिक्स दूध में मिलाने वाले प्रोडक्ट्स आते है जो दावा करते है कि बच्चों के शारीरिक विकास में ये मदद करते है परन्तु किसी का भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है बल्कि वे किसी काम के है ही नहीं (इस बारे में किसी और लेख में बताऊंगा)। एक परीक्षण में कुछ स्वस्थ वयस्क कॉलेज के छात्रों को शामिल किया गया और पाया गया की अश्वगंधा ने मांसपेशियों की ताकत में सुधार किया और उनमें सहनशक्ति, गति और समन्वय को बेहतर बनाया। इसलिए बेकार के महेंगे टॉनिक्स में पैसे खर्च ना करें बच्चों को अश्वगंधा (Ashwagandha) दें। कुछ लोगों का तो ये भी मानना है कि अश्वगंधा (Ashwagandha) बच्चों की लम्बाई बढ़ाने में भी मदद करता है परन्तु इसको कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं मिला है परन्तु शरीरिक विकास का वैज्ञानिक प्रमाण है इसलिए आप इनको आपस में जोड़ सकते है कि अगर शारीरिक विकास सही से होगा तो रुकी हुई लम्बाई भी सही हो जाएगी। मैंने बच्चों की लम्बाई कैसे बढ़ाये पर भी एक लेख लिखा है आप उसको पढ़ कर इसको समझ सकते है।
औसत अश्वगंधा की खुराक-
मार्किट में अश्वगंधा (Ashwagandha) अर्क (extract), कैप्सूल और पाउडर के रूप में आता है। अगर आप इसका अर्क (extract) रूप में लें रहे है तो प्रति दिन लगभग 200 से 300 मिलीग्राम की खुराक से शुरू करने की सलाह दी जाती है। यदि आप अर्क के बजाय अश्वगंधा की सूखी जड़ लेना चुनते हैं, तो एक सामान्य खुराक प्रति दिन लगभग एक से तीन ग्राम लेनी की सलाह दी जाती है। ये मैंने आपको सिर्फ सामान्य खुराक के बारे में बताया है परन्तु किसी भी तरह की दवाई या औषद्यि बिना किसी डॉक्टर / वैद्यराज की सलाह के बिना नहीं लेनी चाहिए।
ध्यान दें:– आपसे अनुरोध है कि यहाँ बताये गए अश्वगंधा (Ashwagandha) का प्रयोग करने से पहले अपने डॉक्टर / वैद्यराज की सलाह जरूर ले। उपरोक्त वर्णित सभी जानकारी अनुभव एवं अनुशंधान के आधार पर लिखी गई हैं, जानकारी के अनुसार किये जाने वाले प्रयोग या उपायों कि प्रामाणिकता एवं लाभ-हानि की जिन्मेदारी संपादक की नहीं हैं।
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