Health Benefits of L-Glutamine Supplement

Glutamine Supplement ke kya fayde hai (Benefits of L-Glutamine)

ग्लूटामिन उन 20 अमीनो एसिड में से एक है जिसकी आपके शरीर को अपने अंगों, रक्त और इम्यून सिस्टम (रोग प्रतिरोधक क्षमता) के लिए आवश्यक प्रोटीन बनाने की आवश्यकता होती है। हमारे शरीर में स्वाभाविक रूप से ग्लूटामिन(Glutamine) अमीनो एसिड का उत्पादन करता है, और यह कई खाद्य पदार्थों में भी पाया जाता है।

हम सब यह जानते हैं कि संसार का सबसे ज्यादा बिकने वाला सप्लिमेंट है – क्रिएटिन । वैज्ञानिक भी मानते हैं कि ज्यादातर सभी खेल के खिलाड़ी इस सप्लिमेन्ट से लाभ पा सकते हैं। मार्केट में उपलब्ध कई सप्लिमेंट की तुलना में क्रिएटीन माँसपेशियों के आकार और शक्ति के विकास में सहायक है।

अब हम ग्लूटामिन(Glutamine)और क्रिएटिन की तुलना करते हैं। एक बात को समझना जरूरी है कि ग्लूटमिन और क्रिएटिन को एक ही तराजू पर तोलना दो अलग अलग खेल के खिलाड़ियों को एक मंच पर रखने के समान होगा। हम 100 मीटर के स्वर्ण पदक विजयता को डेकाथलन स्वर्ण पदक विजयता के साथ तुलना नहीं कर सकते हैं क्योंकि 100 मीटर भागने वाला खिलाड़ी केवल तेज भागने में निपुण है मगर डेकाथलन स्वर्ण पदक जीतने वाला खिलाड़ी ना केवल तेज़ भाग सकता है मगर लम्बी दौड़, उंची छलांग, लॉन्ग जम्प आदि में भी अच्छा होता है। ठीक डेकाथलन खेल के स्वर्ण पदक विजयता के समान ग्लूटमिन भी कई गुणों से युक्त एक सप्लिमेंट है। यह शरीर में मसल मास को नियंत्रित करता है, ग्लूकोस के उपयोग को बेहतर बनाता है और इन्सुलिन मेटाबोलिज़म को बेहतरीन बताना है। ग्लूटमिन बॉडी बिल्डरों को कई प्रकार से मदद करता है और शायद इसलिए यह सप्लिमेंट उनके लिए इतना महत्वपूर्ण माना जाता है ।

ग्लूटामिन(Glutamine) आखिर क्या है?

हम यह जानते हैं कि अमीनो एसिड से प्रोटीन का निर्माण होता है। अच्छे प्रोटीन में एसेन्शियल अमीनो एसिड काफी अधिक मात्रा में पाया जाता है। एसेन्शिल अमीनों एसिड वो तत्व हैं जो आपको केवल आपके आहार के माध्यम से मिल सकते हैं। शरीर में ये तत्व प्राकृतिक तौर से निर्माण नही किए जा सकते हैं। ग्लूटामिन(Glutamine) को कन्डीशनली एसेन्शियल अमीनो एसिड माना जाता है। अब यह कन्डीशनली एसेन्शियल अमीनो एसिड क्या होता है? जब आपका शरीर केटाबोलिक तनाव की अवस्था में होता है तब उसके लिए आहार के जरिए ग्लूटामिन लेना जरूरी हो जाता है- इसी कारण से इस सप्लिमेन्ट को कन्डीशनली एसोन्शियल अमीनो एसिड कहा जाता है।

क्या ग्लूटामिन(Glutamine) आपके शरीर के इम्यून सिस्टम पर किसी प्रकार से असर करता है?

इम्यून सिस्टम शरीर को बीमारियों से लड़ने की क्षमता प्रदान करता है। इस विषय पर पूरी जानकारी पाने के लिए रिसर्च पर कई लाखों डालर खर्च किए जा चुके हैं, मगर निश्चित रूप से कुछ नहीं कहा जा सकता है। जबरदस्त व्यायाम के उपरान्त हमारे शरीर में खून में पाए जाने वाले ग्लूटामिन(Glutamine) की मात्रा कम हो जाती है। इसका कारण यह है कि आपका इम्यून सिस्टम आपके माँसपेशियों से ग्लूटामिन(Glutamine) को इस्तेमाल कर लेता है। जरा सोचिए कि आपके शरीर के लिए ज्यादा जरूरी क्या है, आपका इम्यून सिस्टेम या शक्तिशाली माँसपेशियाँ ?

इस संसार में ऐसा कोई नहीं जिसकी मृत्यु माँसपेशियों के छोटे आकार के कारण हुई है मगर इम्यून सिस्टम के क्रियाओं में कमी होने पर मृत्यु की संभावना बढ़ जाती है। तो ग्लूटामिन को लेना इसलिए आवश्यक है ताकि आपके माँसपेशियों में पाया जाने वाला ग्लूटामिन(Glutamine) सुरक्षित रहे और आपका मसल प्रोटीन ईंधन के रूप मे प्रयोग ना किया जाए। जब आप आहार से ग्लूटामिन(Glutamine) लेते हैं तो शरीर उसे ईंधन के रूप में तथा इम्यून सिस्टम की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए प्रयोग करता है।

ग्लूटमिन आपके शरीर के मसल मास को कैसे बचाता है?

जोरदार व्यायाम के दौरान ग्लूटामिन(Glutamine) आपके मसल मास को बचाए रखने में सबसे असरदार सिद्ध होता है ग्लूटामिन(Glutamine) इस कार्य के लिए ही सबसे ज्यादा लोकप्रिय है। कई मुख्य मेडिकल ओपरेशन के उपरान्त ग्लूटमिन से युक्त आहार दिए जाने पर रोगी का शरीर मसल मास और नाइट्रोजेन को नष्ट होने से रोक पाता है। रिसर्च से यह बात सामने आई है कि शरीर में मसल मास को बनाए रखने के लिए आपके शरीर में सही मात्रा में ग्लूटामिन(Glutamine) का होना आवश्यक है। हम यह मान लेते हैं कि ओपरेशन के बाद आपका शरीर काफी तनाव से गुजरता है मगर इसके समान जोर जबरदस्त व्यायाम रूटीन के दौरान भी महसूस किया जा सकता है। इसी कारण से दोनों ही स्थितियों में ग्लूटामिन(Glutamine) सप्लिमेन्ट का सेवने करना फायदेमंद सिद्ध होता है।

क्या ग्लूटामिन(Glutamine) शर्करा के मेटाबोलिज़म पर किसी प्रकार से असर करता है?

शर्करा (ग्लूकोस) के मेटाबोलिज़म पर ग्लूटामिन के असर को कई सालों तक कुछ खास महत्व नहीं दिया गया। एक नए प्रयोग के दौरान यह पता चला कि ग्लूटामिन(Glutamine) ग्लूकोनिओजेनेसिस को नियंत्रित करता है। ग्लूकोनिओजेनेसिस वो क्रिया है जिसके दौरान ग्लूकोस को निर्माण होता है। यह प्रयोग मनुष्य के शरीर पर किया गया था । सामान्य तौर पर जब शरीर में ग्लूकोस का निर्माण होता है तो दो हॉर्मोन के मात्राओं में अन्तर आता है इन्सूलिन और ग्लूकागॉन । मगर जब शरीर को ग्लूटामिन प्रदान किया गया तो ग्लूटामिन(Glutamine) से ग्लूकोस के निर्माण के दौरान इन दोनों हॉर्मोन अर्थात इन्सूलिन और ग्लूकागॉन के मात्रा में कोई फर्क नहीं पड़ा। ग्लूटामिन(Glutamine) का ग्लूकोस में परिवर्तन किडनी में होता है, ना कि लिवर में ।

इस क्रिया का बॉडी बिल्डरों के लिए क्या लाभ है?

ग्लूटामिन(Glutamine) से प्रतियोगिता से पूर्व बॉडी बिल्डर अपने फैट लास को बढ़ा सकते है। इस को सही तरीके से समझना आवश्यक है। प्रतियोगिता से पूर्व ज्यादातर युवक डायटिंग करते हैं तथा एरोबिक व्यायाम की मात्रा को बढ़ा देते है। जब एक युवक डायटिंग करता है तो वो आहार में फैट तथा कार्बोहाइड्रेट की मात्रा को काफी कम कर लेता है। जब आप अधिक कार्बोहाइड्रेट वाला आहार लेते है तो शरीर में इन्सूलिन का निर्माण भी बढ़ जाता है जिससे शरीर में फैट ज्यादा होने लगता है। शरीर में फैट को कम करने के लिए आपको इन्सुलिन और ग्लूकागॉन के निर्माण को नियंत्रित करना होगा। जब डायटिंग करते समय आप आहार में ग्लूटामिन का सेवन करते हैं तो यह ग्लूटमिन शरीर में इन्सुलिन और ग्लूकागॉन के मात्रा को समान रखकर ग्लूकोस में परिवर्तित हो जाता है। इससे आप अपने मसल मास को बचा पाते हैं तथा फैट को भी नियंत्रित रख पाते है। तो यदि आप बहुत कम फैट और कार्बोहाइड्रेट वाला आहार ले रहे हैं तो आपको ग्लूटामिन(Glutamine) अवश्य लेना चाहिए।

क्या ग्लूटामिन(Glutamine) से आप शारीरिक वजन नियंत्रित कर सकते है?

वैज्ञानिक ने इस बात को समझने के लिए चूहों पर प्रयोग किया। चूहों को दो हिस्सों में बाँट दिया गया। एक हिस्से को फैट से भरपुर आहार के साथ ग्लूटामिन(Glutamine) दिया गया और एक हिस्से को केवल फैट से भरपुर आहार दिया गया। जिस हिस्से को केवल फैट से भरपूर आहार दिया गया उन चूहों का वजन ज्यादा पाया गया। शायद यह खोज मनुष्यों के लिए भी फायदेमंद सिद्ध हो। इस खोज से डायबटीज के मरीजों को भी लाभ हो सकता है क्योंकि इससे इन्सुलिन नियंत्रण में रहता है। यह सप्लिमेंट पूर्ण रूप से सुरक्षित और बेहद असरदार पाया गया है।

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